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एनएसजी के फैसले से भारत से करार पर असर नहीं: फ्रांस

१ जुलाई २०११

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के अहम सदस्य फ्रांस ने कहा है कि भारत के साथ उसके परमाणु सहयोग पर एनएसजी के हालिया फैसले का फर्क नहीं पड़ेगा. एनएसजी ने संवेदनशील तकनीक के स्थानांतरण पर नियम सख्त किए.

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तस्वीर: AP

भारत में फ्रांस के राजदूत जेरोम बोनाफौं ने कहा कि उनका देश भारत के साथ 30 सितंबर 2008 को हुए परमाणु सहयोग के समझौते पर पूरी तरह अमल करने के लिए वचनबद्ध है जो शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के विकास से जुड़ा है. फ्रांसीसी राजदूत ने इसे दोनों देशों के हित में बताया.

पिछले हफ्ते 46 सदस्यों वाले एनएसजी समूह ने संवर्धन और पुनर्संस्करण से जुड़ी तकनीक के हस्तांतरण से जुड़े दिशानिर्देशों को सख्त बना दिया. इस फैसले की तरफ इशारा करते हुए बोनाफौं ने कहा, "फ्रांस इस बात की पु्ष्टि करता है कि एनएसजी के फैसले से किसी भी तरह भारत के साथ हमारा दोतरफा सहयोग कमजोर नहीं होगा." फ्रांसीसी राजदूत का यह बयान भारतीय प्रधानमंत्री की चुनिंदा संपादकों के साथ मुलाकात के दो दिन बाद आया है. इस बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने भरोसा दिलाया है कि परमाणु समझौते को पूरी तरह लागू किया जाएगा जिसमें संवेदनशील तकनीक का स्थानांतरण भी शामिल है.

बोनाफौं ने कहा कि एनएसजी के फैसले का मकसद किसी खास देश को निशाना बनाना नहीं है. वह कहते हैं कि व्यापक सुरक्षा कसौटियों से भारत को सितंबर 2008 में जो रियायत दी गई थी, उस पर एनएसजी के हालिया फैसले से कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फ्रांस परमाणु अप्रसार को लेकर भारत की वचनबद्धता को लेकर संवेदनशील है और उसने एनएसजी की बैठक में भारत का पूरी तरह समर्थन किया.

फ्रांस बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था वाले चार संधियों के लिए भारतीय की सदस्यता का भी समर्थन करता है और इसका एलान सारकोजी ने दिसंबर 2010 में अपने भारत दौरे में किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार

संपादन: महेश झा

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