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'ईरान की परमाणु उपलब्धि की गवाह बनेगी दुनिया'

११ फ़रवरी २०१२

ईरान जल्द अपने परमाणु कार्यक्रम के संबंध में बड़ा एलान करने वाला है. ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने बातचीत की इच्छा भी जताई, लेकिन साथ ही कहा कि तेहरान यूरेनियम संवर्धन के रास्ते से नहीं हटेगा.

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तस्वीर: Reuters

तेहरान में इस्लामी क्रांति की 33वीं सालगिरह पर हजारों लोगों को संबोधित करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा, "अगले कुछ दिनों में दुनिया परमाणु क्षेत्र में हासिल की गई कुछ नई उपलब्धियों की गवाह बनेगी." आजादी चौक पर ईरानी राष्ट्रपति ने एक बार फिर यह कहा कि उनका देश यूरेनियम संवर्धन प्रक्रिया से पीछे नहीं हटेगा. यूरेनियम सम्वर्धन के जरिए नाभिकीय रिएक्टरों के लिए ईंधन तैयार किया जाता है. इससे परमाणु हथियार भी बनाए जा सकते हैं.

हालांकि इस दौरान अहमदीनेजाद ने पश्चिमी देशों के साथ बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा, "ईरान बराबरी और न्यायिक पैमानों पर बातचीत करने के लिए तैयार है. अगर दुश्मनों से उग्र रुख दिखाया तो ईरान कभी बातचीत में शामिल नहीं होगा."

शांतिपूर्ण या नहीं

ईरान में 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के दौरान पश्चिमी देशों की तरफ झुकाव वाली राजशाही उजड़ गई और धार्मिक नेता ताकत में आ गए. इसके बाद से ही ईरान के इस्राएल और पश्चिमी देशों के साथ संबंध बिखरने लगे. अहमदीनेजाद के सत्ता में आने के बाद संबंधों में और ज्यादा कड़वाहट आई. पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है. वहीं तेहरान परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताता है.

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इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहूतस्वीर: dapd

परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर दबाव बनाने के लिए पश्चिमी देशों ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. यूरोपीय संघ और अमेरिका ने ईरान की वित्तीय संस्थाओं से लेन देन पर रोक लगा दी है. साथ ही ईरान से तेल का आयात भी बंद कर दिया है. पश्चिमी देश चाहते हैं कि ईरान की अर्थव्यवस्था पर प्रहार किया जाए. हालांकि भारत और चीन ने ईरान से तेल खरीद जारी रखने का एलान किया है.

मजबूरी के कारण

ईरान का कहना है कि प्रतिबंधों की वजह से उसे नाभिकीय ईंधन की छड़ें बनाने पर मजबूर होना पड़ा है. प्रतिबंधों की वजह से ईरान विदेशी बाजारों से नाभिकीय माल नहीं खरीद सकता है. प्रतिबंधों के बावजूद जनवरी में तेहरान ने एलान किया कि वह ईंधन की छड़ें बनाने में सफल हो गया है.

अहमदीनेजाद के बयान के बाद ईरान के संभावित एलान को लेकर अटकलें तेज हो गई है. इस्राएल में भी बेचैनी बढ़ गई है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम से इस्राएल खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. अमेरिका और पश्चिमी देशों को आशंका है कि किसी तरह की गलतफहमी युद्ध न छेड़ दे.

रिपोर्ट: एपी, एएफपी/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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