इस बार के गणतंत्र दिवस में बहुत कुछ पहली बार हुआ
२६ जनवरी २०२२ताकत का अहसास कराते टैंक, कड़क वर्दी और चमचमाते बूटों में मार्च करते सैनिक और सुरक्षाबल, अलग अलग प्रांतों और सरकारी विभागों की झांकियां, वीरता के पुरस्कार, सारे तामझाम लेकिन उनका हौसला बढ़ाने और उन्हें देख कर तालियां बजाने वाली भीड़ इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर नहीं आई.
अमूमन एक लाख से ज्यादा लोग हर साल परेड देखने आते हैं और उनकी तालियों की आवाज दूर तक सुनाई देती है. लेकिन इस बार उसकी जगह वायुसेना और नौसेना के हेलिकॉप्टरों और विमानों की गरज ही सुनाई देती रही, जिन्हें पहली बार इतनी बड़ी संख्या में फ्लाई पास्ट कराया गया. अपुष्ट खबरों के मुताबिक कुल मिला कर 5-8 हजार दर्शक ही राजपथ पर मौजूद थे. वो भी सिर्फ वही जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है.
1966 में देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में मौत के बाद यह पहला मौका था जब गणतंत्र दिवस के मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कोई विदेशी राष्ट्रप्रमुख राष्ट्रपति के साथ दिल्ली में मौजूद नहीं था.
बीते साल भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आना था लेकिन उनके देश में कोरोना की स्थिति बिगड़ने के कारण उनका आना रद्द हो गया और उन्होंने ब्रिटेन से ही भारत को इस मौके पर बधाई दी.
इस साल भारत मध्य एशियाई देशों कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, क्रिर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्र प्रमुखों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना चाहता था हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी. ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण और इन देशों की कुछ अंदरूनी समस्याओं के कारण उन लोगों का आना नहीं हो सका.
भारत आजादी के 75 साल पर अमृत महोत्सव मना रहा है और इसके लिए तैयारियां भी खूब चल रही हैं. आमतौर पर इस दिन प्रधानमंत्री इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं लेकिन इस बार यह परंपरा कहीं और निभाई गई. कुछ ही दिनों पहले सरकार ने 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटा कर वॉर मेमोरियल में ले जाकर मिला दिया है. तो इस बार प्रधानमंत्री ने भी इंडिया गेट की बजाय नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
आजादी के 75 सालों के मौके पर भारतीय नौ सेना और वायु सेना के कुल 75 विमानों ने आज की परेड में फ्लाई पास्ट किया. आमतौर पर कुछ हैलीकॉप्टर या विमान ही पारंपरिक फ्लाईपास्ट करते हैं लेकिन इस बार उनकी शोभा बड़ी थी. वायु सेना के बेड़े के लगभग सभी प्रमुख विमानों ने इस फ्लाईपास्ट को रंगीन बना दिया. इसके लिए काफी तैयारी की गई थी. इस नजारे को लोगों तक पहुंचाने के लिए भी खास इंतजाम किए गए थे और पहली बार इनफ्लाइट कैमरा रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल कर बेहतरीन तस्वीरें और वीडियो लोगों तक पहुंचाई गई.
इस बार के परेड में देश भर से प्रतियोगिता के जरिए चुने गए 480 डांसरों ने एक खास प्रस्तुति के जरिए भारत की सांस्कृतिक विविधता को लोगों के सामने रखा. इस तरह के डांस का प्रोग्राम भी पहली बार परेड का हिस्सा बना है.
एनआर/आरपी (डीपीए, एएफपी)