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इनकम टैक्स कार्यालय में पेश हुआ हसन अली

१९ फ़रवरी २०११

भारत के सबसे बड़े टैक्स चोर बताए जा रहे हसन अली खान आखिरकार इनकम टैक्स कार्यालय में पेश हुआ. पुणे का अली खान कई खेतों का मालिक है और आरोप है कि उसने 40,000 करोड़ का टैक्स नहीं दिया है.

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तस्वीर: bilderbox

इनकम टैक्स अधिकारियों के समन पर अली खान शुक्रवार को पेश हुआ. वह दो साल से भगोड़ा घोषित था. वह मुंबई में अधिकारियों के सामने पेश हुआ और आईटी सूत्रों ने बताया कि उससे पांच घंटे तक पूछताछ की गई.

एक वरिष्ठ इनकम टैक्स अधिकारी ने बताया कि हसन अली खान पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है और उससे टैक्स तथा जुर्माना वसूली का काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि खान पर सिर्फ जुर्माना ही 40,000 करोड़ रुपये का लग सकता है.

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को खान को समन भेजा गया, जिसके बाद वह शुक्रवार को आईटी दफ्तर पहुंचा. उन्होंने बताया कि खान को दोबारा बुलाया जा सकता है.

करीब चार साल पहले जनवरी, 2007 में इनकम टैक्स अधिकारियों ने हसन अली खान के गोरेगांव स्थित घर पर छापा मारा था और उन्हें ऐसे दस्तावेज मिले थे, जिससे पता चलता है कि हसन अली खान के स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक में आठ अरब अमेरिकी डॉलर जमा हैं.

छापेमारी के बाद पता चला कि खान ने 1999 के बाद से इनकम टैक्स नहीं दिया है. अधिकारियों ने मुंबई और हैदराबाद में भी उसकी संपत्ति पर छापा मारा था. प्रवर्तन निदेशालय ने भी बताया है कि यूबीएस बैंक में उसके आठ अरब डॉलर जमा हैं.

दरअसल यूबीएस बैंक की एक चिट्ठी से हसन अली खान के काले धन का पता लगा. 2006 की इस चिट्ठी में लिखा था, “खान छह अरब डॉलर निकाल कर जहां चाहें, निवेश कर सकते हैं. बाकी के 2.04 अरब डॉलर खान 15 जनवरी, 2007 से पहले नहीं निकाल सकते. इसके बाद वह इस रकम को भी निकाल सकते हैं और जहां चाहें, निवेश कर सकते हैं.”

प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग हसन अली खान के काले धन और निवेश की जांच कर रहा है. 11 फरवरी, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि हसन अली खान देश छोड़ कर जाने न पाए. इस बीच 16 फरवरी को यूबीएस ने एक बयान जारी कर खान के साथ किसी तरह का बिजनेस रिश्ता रखने से इनकार किया है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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