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आसियान बैठक में घरेलू मांग बढ़ाने पर होगा जोर

१० अगस्त २०११

दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के वाणिज्य मंत्रियों की इंडोनेशिया के मनाडो में बैठक हो रही है जिसका मुख्य लक्ष्य आर्थिक समुदाय की योजनाओं को आगे बढ़ाना है. भारत के वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा से भी भेंट तय है.

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तस्वीर: AP

13 अगस्त तक चलने वाली बैठकों में आसियान के दस सदस्य अमेरिका की रेटिंग घटाए जाने के बाद विकसित अर्थव्यवस्थाओं में भरोसे और माल की गिरती मांग के संकट सामना करने के उपायों पर बातचीत करेंगे और आपसी आर्थिक संबंधों को और गहन बनाने के लिए कदम उठाएंगे. 2015 तक आसियान आर्थिक समुदाय का गठन करने और उसके बाद भी अर्थव्यवस्थाओं का समेकन करने की योजना पर भी फैसले लिए जाने की संभावना है.

घरेलू मांग बढ़ाने पर जोर

अमेरिका के आर्थिक मुश्किलों से तुरंत न उबरने की आशंकाओं और कर्ज संकट में डूबे यूरोपीय संघ की दिक्कतों के बीच एशियाई देशों का बहुत कुछ दाव पर है. सिंगापुर में बार्कलेज कैपिटल के प्रकृति सोफाट का कहना है, "बेहतर हो रहा अंतर-क्षेत्रीय व्यापार इलाके के लिए विश्व के दूसरे इलाकों, खासकर विकसित देशों में बढ़ रहे तूफान के खिलाफ बफर है."

साझा आर्थिक समुदाय बनने की अपनी योजना के तहत आसियान ने अब तक सीमा शुल्क और गैर सीमा शुल्क से जुड़ी 95 फीसदी बाधाएं खत्म कर दी हैं. इस समय साझा वीजा लागू करने और परिवहन संपर्क को मजबूत बनाने पर काम चल रहा है.

आसियान के वाणिज्य मंत्री मनाडी में अपने संवाद सहयोगियों भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्रियों के साथ भी बातचीत करेंगे. अमेरिका और रूस पहली बार इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. उन सबका लक्ष्य इलाके में व्यापार को बढ़ावा देना होगा. हांगकांग में एचएसबीसी बैंक की डोना क्वोक का कहना है कि वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर चिंता व्यक्त करने के अलावा क्षेत्रीय स्तर पर घरेलू मांग को बढ़ाने की कोशिश होगी.

Außenminister von Brasilien, Südafrika und Indien Handel Liberalisierung
तस्वीर: AP

भारत के साथ सेवा क्षेत्र पर चर्चा

आसियान के वाणिज्य मंत्रियों के साथ भारतीय मंत्री आनंद शर्मा की बातचीत का मुख्य मुद्दा सेवा क्षेत्र में व्यापार पर संधि होगी जो प्रोफेशनल्स के आने जाने के मुद्दे पर मतभेदों के कारण रुका हुआ है. कुछ देशों ने पेशेवरों को आसानी से वीजा देने के मुद्दे पर आपत्ति की थी. भारत अपने डॉक्टरों, नर्सों, और अकाउंटेंट्स के लिए बेहतर संभावनाओं की मांग कर रहा है. ये डील होते ही आसियान और भारत की व्यापार संधि व्यापक आर्थिक सहयोग संधि में बदल जाएगी क्योंकि माल के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच पहले से ही मुक्त व्यापार संधि हो चुकी है. भारत का आसियान में पर्यवेक्षक का दर्जा है.

भारत के एक वाणिज्य अधिकारी का कहना है कि मुख्य मुश्किल यह है कि आसियान संगठन भारत के मामले में तो ढील देने के लिए तैयार है लेकिन सदस्य देश आपस में एक दूसरे को यह सुविधा देने को फिलहाल तैयार नहीं हैं. इसलिए भारत आसियान के सदस्य देशों के साथ अलग अलग बातचीत कर रहा है. आसियान सम्मेलन के मौके पर भारत थाईलैंड के साथ बातचीत शुरू करेगा. दोनों देशों ने 2014 तक आपसी व्यापार को दुगुना बढ़ाकर 12 अरब डॉलर करने का फैसला किया है.

Börse China
तस्वीर: dapd

चीन पर टिकी उम्मीदें

इस बीच चीन की घरेलू मांग आर्थिक बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण है. चीन की सोशल साइंसेस अकादमी की झांग लिंग का कहना है कि बीजिंग के लिए इलाके का आर्थिक स्वास्थ्य भी अहम है. उनका कहना है कि चीन आसियान और ब्रिक जैसी बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की ओर झुकेगा क्योंकि इनमें परंपरागत बाजारों से तेज विकास हो रहा है.

आसियान के दस सदस्य देशों में सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया और तेल बहुल ब्रूनेई है जो धनी देशों में शामिल हैं. थाईलैंड और फिलीपींस बीच के देश हैं जबकि कंबोडिया, लाओस, म्यांमार,और वियतनाम गरीब देशों में शामिल हैं. आसियान के इलाके में 60 करोड़ लोग रहते हैं और उनका साझा सकल घरेलू उत्पादन 1500 अरब डॉलर है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: आभा एम

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