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आरोपी सांसदों के मामले लंबित क्यों: सुप्रीम कोर्ट

४ नवम्बर २०११

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है कि आपराधिक मामलों में फंसे सांसदों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. 543 में 162 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

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तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

आरोपी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की सुस्त रफ्तार को सुप्रीम कोर्ट ने 'बेहद तकलीफदेह' बताया. जस्टिस पी सत्यशिवम ने कहा कि इस मामले पर विचार किया जाना जरूरी है. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से एक महीने के भीतर जवाब देने को कहा है.

इस संबंध में भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह ने जनहित याचिका दायर की है. लिंगदोह की मांग है कि सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए, ताकि मामलों का जल्द निपटारा हो.

लिंगदोह की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अदालत को बताया कि 162 सांसदों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं. 76 सांसदों के खिलाफ गंभीर किस्म के आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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