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आम लोगों की मौत से नाराज करजई की 'आखिरी चेतावनी'

३० मई २०११

अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने अमेरिकी सेना को 'बेकार और मनमानी' कार्रवाइयों के लिए फटकारा. शनिवार को हेलमंद प्रांत में हुए एक हवाई हमले में 10 बच्चे, दो महिलाएं और दो पुरुष मारे गए. करजई ने 'आखिरी चेतावनी' दी.

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A pool picture made available on 12 April 2010 shows Kunduz Governor Mohammed Omar helps Afghan President Hamid Karzai put on a turban during a meeting with elders in Kunduz, Afghanistan, on 11 April 2010. President Karzai urged Taliban insurgents on 11 April, to lay down their arms and air their grievances while visiting a violent northern province, adding that foreign forces would not leave the country as long as fighting continued. EPA/DUSAN VRANIC +++(c) dpa - Bildfunk+++
आम लोगों की मौत पर नाराज करजईतस्वीर: picture alliance/dpa

करजई ने कहा कि इस तरह के हमले "अफगानिस्तान की महिलाओं और उसके बच्चों की हत्या" के बराबर है. हेलमंद में स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी मरीन्स के एक ठिकाने पर हमले के बाद वहां के सैनिकों ने हवाई मदद मांगीं. प्रांतीय प्रशासन ने एक बयान में कहा, "आम लोगों के दो घरों पर हवाई हमला किया गया जिसमें 14 लोग मारे गए और छह घायल हुए."

नाटो करेगा जांच

नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेना आईसैफ ने कहा है कि वह आम लोगों की मौत के आरोप की जांच कर रही है. करजई के दफ्तर ने हमलों की निंदा करते हुए हवाई हमलों को एक 'बड़ी गलती' बताया है. राष्ट्रपति के दफ्तर ने अमेरिकी सेना और अमेरिकी अधिकारियों को इस सिलसिले में आखिरी चेतावनी दी है.

Afghans carry wrapped body of one of the four Afghans, killed in a NATO's raid, during an anti- US demonstration in Taloqan, Takhar province, north of Kabul, Afghanistan on Wednesday, May 18, 2011. More than 1,000 protesters poured into a northern Afghan city Wednesday, shouting "Death to America!" and calling for justice as they clashed with security forces following an overnight NATO raid they claim killed four civilians. (AP Photo/Fulad Hamdard)
अकसर नाटो हमलों में आम लोग भी निशाना बनते रहे हैंतस्वीर: AP

उधर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने करजई की शिकायतों के बारे में कहा है, "हम बहुत मेहनत करते हैं. अफगानिस्तान में हमारी सेना, हम हर तरह से कोशिश करते हैं कि आम लोगों की जानें न जाएं." प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति करजई ने कई बार आम लोगों की मौत के बारे में शिकायत की है और अमेरिका इन मामलों पर ध्यान दे रहा है.

निशाना बनती जनता

शनिवार की घटना के अलावा नूरिस्तान के गवर्नर ने कहा कि उनके यहां अमेरिकी हवाई हमलों में 18 आम लोग मारे गए और 20 पुलिसकर्मियों की भी जानें गईं. पिछले हफ्ते तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच झड़पों के दौरान लक्ष्य की सही पहचान न होने की वजह से चरमपंथियों की बजाय आम लोग निशाना बने.

गवर्नर जमालुद्दीन बद्र ने कहा, "आम लोग मारे गए क्योंकि तालिबान के पास गोलियां खत्म हो गई थीं और वे अपने आप को बचाने के लिए इन लोगों के घरों में घुस गए. आम लोगों को तालिबान मानकर इन पर हमले किए गए." आईसैफ के प्रवक्ता टिम जेम्स ने कहा है कि मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी गई है. उन्हें आम लोगों की मौत के बारे में खबर नहीं मिली है.

A US soldier, right, holds his plate to receive a piece of cake decorated like a US flag during a citizenship ceremony at the U.S. base in Bagram north of Kabul, Afghanistan on Monday May 26, 2008. Afghanistan has seen a sharp rise in violence in the last year, even as the U.S. and NATO have poured thousands of new troops into the country. The U.S. now has some 33,000 troops in Afghanistan, the most ever. (AP Photo/Musadeq Sadeq)
अफगानिस्तान में डेढ़ लाख से ज्यादा विदेशी सैनिक तैनात हैंतस्वीर: AP

करजई सरकार के लिए हवाई हमलों में आम लोगों की मौत एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. इस वजह से वह अफगानिस्तान के लोगों के बीच समर्थन खो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले साल 2,777 आम लोग नाटो सेनाओं के हमलों में मारे गए जो लड़ाई में मारे गए लोगों की कुल संख्या का 15 प्रतिशत है. हालांकि आम जनता की मौतों का ज्यादातर आरोप चरमपंथियों पर लगाया गया है.

रिपोर्टः एएफपी/एमजी

संपादनः ए कुमार

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