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आतंकवादी नहीं चाहते भारत पाकिस्तान के रिश्ते सुधरें

१० अप्रैल २०११

भारत पाकिस्तान के रिश्तों को किसी तलाकशुदा मियां बीवी के रिश्तों से तुलना करते हुए अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने कहा कि उनके देश में रह रहे आतंकवादी दोनों देशों के रिश्तों को नहीं सुधरने दे रहे हैं.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी ने माना कि मुंबई हमलों के दोषियों के खिलाफ पाकिस्तान में कार्रवाई धीमी गति से चल रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुंबई पर हमला आतंकवादियों ने इसलिए किया ताकि दोनों देशों के बीच जंग छिड़ जाए. हक्कानी ने ये भी कहा कि दोनों देशों के लिए जरूरी ये है कि वो साथ मिल कर आतंकवादियों को उखाड़ फेंके जिससे कि भारत पाकिस्तान में कोई आतंकवाद पीड़ित न रहे.

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जकी उर रहमान लखवीतस्वीर: AP

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 'दक्षिण एशिया का भविष्य' पर आयोजित एक सेमिनार में पाकिस्तान राजदूत ने ये बातें कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ मिल कर मुंबई हमले पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, "जिस दिन मुंबई पर हमला हुआ तभी से हमने लगातार ये बात कही है कि हम पीड़ितों के साथ हैं और हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे तक जरूर पहुंचाएंगे. हमले के दोषी अगर किसी भी रूप में पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं तो उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी."

यूनिवर्सिटी के छात्रों और प्रोफेसर को संबोधित करते हुए हक्कानी ने कहा कि मुंबई हमलों के बारे में पाकिस्तान का रवैया बिल्कुल साफ है. अगर कानूनी कार्रवाई धीमी चल रही है तो ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि हम चाहते हैं बल्कि ऐसा कानूनी उलझनों के कारण हैं जिन्हें बदलने में वक्त लगेगा. उनका कहना है कि कानून के कुछ दांवपेचों का इस्तेमाल कर बचाव पक्ष मुकदमे की तारीख टलवा दे रहा है.

भारत पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में पाकिस्तान राजदूत ने कहा, "यह समझना जरूरी है कि 1947 में हुई गड़बड़ियां दोनों मुल्कों के लिए नुकसानदेह रहीं दोनों तरफ के लाखों लोग इससे प्रभावित हुए. हमें एक दूसरे को मानवीय निगाह से देखना होगा और समझना होगा कि हमारे पड़ोसी ऐसे हैं जिनके साथ हमारा इतिहास साझा है और निश्चित रूप से हममें एक दूसरे के साथ आर्थिक औऱ दूसरे रिश्ते बनाने की क्षमता है."

इसके साथ ही हक्कानी ने भारत की राजनीति को भी दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों की राह में रोड़ा बताया. उन्होंने कहा " भारत में भी ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि करगिल और मुंबई जैसी घटनाओं के कारण पाकिस्तान से बातचीत नहीं करनी चाहिए. इस तरह की सोच बातचीत की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाती है. अगर भारत पाकिस्तान एक दूसरे से बात नहीं करेंगे तो दोनों को कुछ भी हासिल नहीं होगा."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ