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आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत-पाक

२१ मई २००८

भारत व पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इस्लामाबाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में यह सहमति बनी। पाकिस्तान में नई सरकार आने के बाद दोनों देशों की यह पहली बैठक है।

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बातचीत के लिए खुले दरवाजे।तस्वीर: AP

बुधवार को भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दोनों देशों के बीच 2004 में शुरू हुई समग्र बातचीत के चौथे दौर की समीक्षा भी की।

बैठक के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक साझा प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि दोनों ही देश आतंकवाद की मार झेल रहे हैं, इसलिए इससे साझा तौर पर लड़ने का फैसला किया गया है। हमने इसके लिए एक साझा तंत्र बनाया है जिसे अब सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि आने वाले दिनों में आतंकवादी घटनाओं से दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असर न पड़े।

भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान की नई सरकार भारत से अच्छे रिश्तों की हिमायती है। साथ ही शांत पाकिस्तान ही भारत के हित में है। उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्ष शांति प्रक्रिया से संतुष्ट हैं। हालांकि जानकार इसकी रफ्तार को खासा धीमा बताते हैं।

Pakistan neues Parlament bei seiner ersten Tagung in Islamabad, der neu gewählte Gesetzgeber Yousuf Raza Gillani
कश्मीर मुद्दे के हल के लिए साहस व लचक जरूरीः गिलानी।तस्वीर: AP

दोनों देशों ने एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत दोनों देशों में कैद एक दूसरे के नागरिकों से वाणिज्य दूतावास के लोग मिल सकेंगे। वहीं कश्मीर और सियाचिन जैसे मुद्दों पर बातचीत अधूरी रही। इस बारे में बातचीत जारी रखने की बात कही गई है।

इससे पहले बुधवार को प्रणव मुखर्जी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात की। इस मौके पर गिलानी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और कश्मीर के लोगों को साहस, नेतृत्व, लचीलापन और मजबूती से शांति की इच्छा जाहिर करनी होगी। तभी कश्मीर समस्या का समाधान तलाशा जा सकेगा। हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर पुख्ता सबूत दिए जाएं तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत को सौंपा जा सकता है।