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"आतंकवाद से बड़ा खतरा अमेरिका"

६ जून २०११

पाकिस्तान में अमेरिका पर संदेह नई ऊंचाईयों पर पहुंचा. जर्मन थिंक टैंक के अनुसार एक तिहाई से अधिक लोग अमेरिका को आतंकवाद से बड़ा खतरा मानते हैं. तीन चौथाई से अधिक लोग नहीं मानते कि बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने मारा.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान में अमेरिका पर संदेह नई ऊंचाईयों पर पहुंचा. जर्मन थिंक टैंक के अनुसार एक तिहाई से अधिक लोग अमेरिका को आतंकवाद से बड़ा खतरा मानते हैं. तीन चौथाई से अधिक लोग नहीं मानते कि ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने मारा.

जर्मनी की सत्ताधारी सीडीयू पार्टी की निकटस्थ संस्था कोनराड आडेनावर फाउंडेशन (कास) ने 500 पाकिस्तानियों के बीच एक सर्वे कराया जिसमें ये बातें सामने आई हैं. हालांकि यह व्यापक सर्वे नहीं था लेकिन उसके नतीजे चौंकाने वाले हैं. इस सर्वे में अमेरिका को आर्थिक संकट, आतंकवाद और पाकिस्तान के धुर दुश्मन भारत से भी बड़ा खतरा बताया गया है.

Anschlag in Peschawar Pakistan
तस्वीर: AP

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या है, 38 फीसदी लोगों ने अमेरिका का नाम लिया जबकि 31 फीसदी ने आर्थिक संकट, और 22 फीसदी ने आतंकवाद को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. सिर्फ 9 फीसदी पड़ोसी भारत को सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. कोनराड आडेनावर फाउंडेशन के पाकिस्तान प्रमुख बबक खलतबारी ने नतीजों को चौंकाने वाला बताया है.

सोमवार को प्रकाशित सर्वे के अनुसार हर तीसरा मानता है कि अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अभी भी जिंदा है. सर्वे में भाग लेने वाले तीन चौथाई लोगों का मानना है कि कम से कम बिन लादेन को एक महीना पहले एबटाबाद में अमेरिकी सैनिक कार्रवाई में नहीं मारा गया. खलतबारी ने सर्वे पर अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 72 फीसदी का मानना है कि ओसामा बिन लादेन या तो पहले ही मारा गया, या किडनी फेल होने से मरा है या अभी भी जिंदा है.

पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी भावनाएं बिन लादेन के खिलाफ पाकिस्तान सरकार को भरोसे में लिए बिना की गई कार्रवाई के बाद और बढ़ी हैं. लगातार जारी ड्रोन हमले और सीआईए एजेंट रेमंड डेविस कांड ने इसे लगातार उकसाया है. डेविस ने जनवरी में दो पाकिस्तानियों को गोली मार दी थी और उसके बाद संदेहास्पद परिस्थितियों में उसे जेल से रिहा कर दिया गया था.

अमेरिका पर संदेह के बावजूद दो तिहाई लोगों का मानना है कि पाकिस्तान को अमेरिका के साथ आर्थिक सहयोग जारी रखना चाहिए. इसी तरह 66 फीसदी लोगों का मानना है कि पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी संघर्ष जारी रखना चाहिए. खलतबारी का कहना है कि आतंकवाद विरोधी संघर्ष पर पाकिस्तानी रुख पूरी तरह बदल गया है. पहले अधिकतर लोग सोचते थे कि आतंकवादी पाकिस्तान में हमला इसलिए कर रहे हैं कि सरकार पश्चिम का साथ दे रही है. इस बीच बहुमत आतंकवाद से खतरा महसूस करता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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