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आतंकवाद के खिलाफ जंग में 'एक साथ' रूस और पाक

१२ मई २०११

रूस और पाकिस्तान ने आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर कोशिशें करने का संकल्प किया है. पाकिस्तान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी रूस के दौरे पर पहुंचे.

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Pakistan President Asif Ali Zardari addresses reporters following his meeting with French President Nicolas Sarkozy at the Elysee Palace in Paris, Monday Aug. 2, 2010.(AP Photo/Remy de la Mauviniere)
मॉस्को में जरदारीतस्वीर: AP

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के साथ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मुलाकात में कई आर्थिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. मेद्वेदेव ने कहा कि रूस और पाकिस्तान, दोनों ही आतंकवाद के पीड़ित हैं. रूसी समाचार एजेंसियों ने मेद्वेदेव के हवाले से लिखा है, "हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी कोशिशों में तालमेल बढ़ाना चाहते हैं. स्पष्ट तौर पर दोनों देशों के सामने एक ही चुनौती है. मेरा मतलब है अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद. हमें मिल जुलकर वह सब कुछ करना होगा जिससे 21वीं सदी की इस बुराई से निपटा जा सके."

जरदारी बुधवार से रूस का तीन दिवसीय दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से पाकिस्तान और रूस के बीच संबंध मजबूत होंगे. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे देश बहुत नजदीकी पड़ोसी हैं. हम दुनिया के एक ही हिस्से में हैं. भले ही हमारी सीमाएं न मिलती हो, लेकिन हमारे दिल एक साथ धड़कते हैं. समय आ गया है जब दोनों देश एक दूसरे की अहमियत को समझें." क्रेमलिन में दोनों राष्ट्रपति की मुलाकात में विदेशी समाचार एजेंसियों को आमंत्रित नहीं किया गया.

पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद यह राष्ट्रपति जरदारी का पहला विदेश दौरा है. आतंकी सरगना को पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी मिशन में मारा गया. क्रेमलिन ने बिन लादेन की मौत को आतंकवाद के खिलाफ "लड़ाई में गंभीर सफलता" बताया, लेकिन पाकिस्तान इस बात पर नाराजगी जताता है कि अमेरिकी सैन्य टुकड़ी ने उसकी इजाजत लिए बिना यह कार्रवाई की.

रूस लंबे समय से अपने उत्तरी कॉकिशियाई इलाके में मुस्लिम उग्रवाद को खत्म करने में जुटा है. सोवियत संघ के विघटन के बाद चेचन्या में वह अलगाववादियों से दो युद्ध भी लड़ चुका है.

वैसे रूस पाकिस्तान का पारंपरिक सहयोगी नहीं रहा है, बल्कि उसके चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी भारत के साथ रूस के घनिष्ट संबंध रहे हैं. रूस और पाकिस्तान के बीच इस बात को लेकर अब भी तनाव है कि 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मुजाहिदीन का साथ दिया. लेकिन अब दोनों देश आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कोशिश कर रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उभ

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