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'आडवाणी को सब पता था'

२७ अगस्त २००९

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने यह कहकर बीजेपी नेता एलके आडवाणी की मुश्किल और बढ़ा दी है कि वह क़ंधार विमान अपहरण मामले में तीन आतंकवादियों की रिहाई के बारे में जानते थे. जसवंत सिंह भी यह बात कह चुके हैं.

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मुश्किल में पड़े आडवाणीतस्वीर: AP

एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मिश्र ने कहा, "यह फ़ैसला सुरक्षा मामलों की पर कैबिनेट कमिटी की बैठक में लिया गया था और आपको पता ही होगा कि इसके पांच सदस्य होते हैं. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री." 1999 में जब इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण करके 160 लोगों को बंधक बना लिया गया था उस वक़्त देश में एनडीए की सरकार थी जिसमें आडवाणी गृह मंत्री थे.

भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि बैठक में आम सहमति से फ़ैसला हुआ कि बंधकों की रिहाई के लिए तीन खूंखार आतंकवादियों को रिहा किया जाए. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नज़दीक़ी माने जाने वाले मिश्र ने कहा कि आडवाणी इस बात को भी जानते थे कि विदेश मंत्री जसवंत सिंह बंधकों की रिहाई के लिए कंधार जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "सुरक्षा कैबिनेट कमिटी की फिर बैठक हुई, जसवंत सिंह ने प्रस्ताव रखा कि वह बंधकों की रिहाई के लिए कंधार जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कंधार में रिहाई के लिए बातचीत कर रहे आईबी और रॉ के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि कोई ऐसा होना चाहिए जो आख़िरी वक़्त में पैदा होने वाली मुश्किल से निपट सके. बैठक में इस बात की चर्चा हुई और उन्हें कंधार भेजा गया."

जब मिश्र से पूछा गया कि क्या फ़ैसले लेने वालों में आडवाणी भी शामिल थे तो उन्होंने कहा, "हां". मिश्र के मुताबिक़ सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमिटी के सदस्य जॉर्ज फ़र्नाडीस (उस वक़्त के रक्षा मंत्री), जसवंत सिंह (विदेश मंत्री) और यशवंत सिन्हा (वित्त मंत्री) पहले ही यह बात कह चुके हैं. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक़ शुरू में कोई भी विमान अपहरणकर्ताओ के साथ कोई नरमी बरतने को तैयार नहीं था. वह कहते हैं, "शुरू में वे लोग 36 आतंकवादियों की रिहाई की मांग कर रहे थे. साथ ही 20 करोड़ डॉलर भी मांग रहे थे. कुछ आतंकवादियों के अवशेष भी उन्हें चाहिए थे. कोई भी इतनी सारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं था. हर कोई इन मांगों का विरोध कर रहा था."

पहले ही आंतरिक मुश्किलों से घिरी बीजेपी की मुश्किलें मिश्र के बयान से और बढ़ गई हैं. जसवंत सिंह भी बीजेपी से निकाले जाने के बाद यह कह चुके हैं कि आडवाणी आंतकवादियों की रिहाई के बारे में सब कुछ जानते थे. वहीं आडवाणी का दावा है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ ए कुमार

संपादनः आभा मोंढे