आखिर क्या उम्मीदें हैं डॉनल्ड ट्रंप के भारत दौरे से
२४ फ़रवरी २०२०अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंच गए हैं. तय कार्यक्रम के अनुसार, ट्रंप कुल 36 घंटे भारत में बिताएंगे. उनकी यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह-राज्य गुजरात में अहमदाबाद से शुरू हुई, जहां वे हवाई अड्डे पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक रोडशो पर निकले. यात्रा के दौरान दोनों नेता महात्मा गांधी की कर्मभूमि साबरमती आश्रम में रुके.
इसके बाद अहमदाबाद में नव-निर्मित मोटेरा स्टेडियम में नमस्ते ट्रम्प नामक कार्यक्रम होगा. 1,10,000 सीटों वाले इस स्टेडियम को विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम बताया जा रहा है.
माना जा रहा है कि यह कार्यक्रम सितंबर 2019 में अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम की तर्ज पर होगा. उम्मीद है कि दोनों नेता वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे.
इस कार्यक्रम के तुरंत बाद ट्रंप आगरा के लिए रवाना हो जाएंगे, जहां उनका स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. आगरा जाने का लक्ष्य सिर्फ ताज महल देखना है, जिसके तुरंत बाद ही ट्रंप आगरा छोड़ देंगे और दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
राष्ट्रीय राजधानी में ट्रंप होटल आईटीसी मौर्या में रुकेंगे जहां उनके पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत तीन और अमेरिकी राष्ट्रपति रह चुके हैं. मंगलवार 25 फरवरी की सुबह ट्रंप का राष्ट्रपति भवन में स्वागत होगा, जहां उनके लिए औपचारिक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है.
उसके बाद वे राजघाट जाएंगे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. फिर हैदराबाद हाउस में जाएंगे जहां प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. इसी बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. यहीं पर दोनों पक्ष प्रेस वक्तव्य भी जारी करेंगे.
मंगलवार की शाम ट्रंप राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे और फिर उसी रात वापस अमेरिका रवाना हो जाएंगे.
समीक्षकों में इस यात्रा को लेकर बहुत उत्साह नजर नहीं आ रहा है क्योंकि इस यात्रा के दौरान किसी बड़े समझौते पर सहमति होने की उम्मीद नहीं है. ट्रंप खुद ही कह चुके हैं कि एक बड़ी व्यापार संधि पर इस बार सहमति नहीं हो पाएगी क्योंकि वे उसे कुछ समय बाद के लिए बचा कर रख रहे हैं. इस यात्रा के कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने अमेरिका के प्रति भारत की व्यापार नीति की आलोचना भी की थी. उन्होंने कहा था, "भारत हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है."
कई समीक्षकों का मानना है कि इस पूरी यात्रा का आयोजन सिर्फ अहमदाबाद वाले रोडशो को केंद्र में रखते हुए किया गया है, जिसके जरिए ट्रंप अमेरिका में कुछ ही महीनों में होने वाले चुनावों से ठीक पहले यह दिखा सकें कि उनका दुनिया भर में मान है. इसके अलावा वे चुनावों में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के मत को भी जीतना चाहेंगे. अनुमान है कि अमेरिका में भारतीय मूल के कम से कम 45 लाख नागरिक रहते हैं. "हाउडी मोदी" कार्यक्रम में लगभग 50,000 भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक आए थे.
जहां तक व्यापार का सवाल है, दोनों देशों के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि विवाद के मुद्दों पर प्रगति अमेरिका में चुनावों के पहले संभव नहीं है. अमेरिका चाहता है कि भारत के दूध और मुर्गीपालन बाजार को उसके लिए खोला जाए.अमेरिकी कंपनियों के बनाए हुए चिकित्सा उपकरणों के दामों पर भारत की तरफ लगाए हुए नियंत्रण को अमेरिका हटवाना चाहता है जबकि भारत की मांग है कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत में ही डाटा को संग्रह करें.
मोदी सरकार ने ट्रंप प्रशासन से यह भी कहा है कि उन्होंने 2019 में जो व्यापार संबंधी रियायतें वापस ली थीं उन्हें बहाल किया जाए और अमेरिकी बाजार को भारतीय दवाओं और कृषि उत्पादों के लिए और खोला जाए.
कुछ रक्षा संबंधी समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद जरूर है, जिनमें भारतीय नौ सेना द्वारा अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 2.6 अरब डॉलर के हेलिकॉप्टर की खरीद शामिल है.
रिपोर्ट: चारु कार्तिकेय (रायटर्स से इनपुट के साथ)
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