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आईएसआई पर लगानी होगी लगामः जॉन कैरी

AFP१५ दिसम्बर २००८

भारत के दौरे पर अमेरिकी सीनेटर जॉन कैरी ने मुंबई हमलों के मद्देनज़र पाकिस्तान पर दबाव डालते हुए कहा है कि उसे अपनी ताक़तवर ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई पर लगाम लगानी होगी.

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भारत दौरे पर हैं सीनेटर जॉन कैरीतस्वीर: picture-alliance/dpa

जॉन कैरी ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाक़ात की. दोनों नेताओं की बातचीत में मुंबई हमलों पर ख़ास तौर से चर्चा हुई. कैरी ने कहा कि पाकिस्तानी खुफ़िया एंजेंसी को सरकार से स्वतंत्र होकर काम करने से रोकना होगा. साथ ही आतंकवादी संगठनों से उसके संबंध भी ख़त्म करने होंगे.

भारतीय अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कैरी ने कहा कि आईएसआई पर पूरी तरह सरकार का नियंत्रण होना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि जब वह पाकिस्तान जाएंगे तो वहां के नेताओं को साफ़ तौर पर यही संदेश देंगे.

कैरी ने कहा कि भारतीय कश्मीर में लड़ने के लिए आईएसआई ने ही लश्कर-ए-तैयबा को बनाया है, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारी नहीं जानते थे कि एक दिन यह ख़ुद अपने दम पर काम करने लगेगा. भारत मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताता है.

पाकिस्तान में राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने जुलाई में आईएसआई को गृहमंत्रालय के तहत लाने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना की तरफ़ से विरोध को देखते हुए उन्हें अपना फ़ैसला बदलना पड़ा. सैद्धांतिक रूप से आईएसआई प्रधानमंत्री के अधीन है, लेकिन व्यवहारिक रूप से यह वही करती है जो वहां की सेना चाहती है.

जॉन कैरी अमेरिका में अगले महीने सत्ता संभालने जा रही डेमोक्रेटिक पार्टी के अहम नेता है. राष्ट्रपति बुश के ख़िलाफ वह पिछला राष्ट्रपति चुनाव भी लड़ चुके हैं. भारत के बाद कैरी पाकिस्तान भी जाएंगे. उम्मीद है, अमेरिका लौटने पर वह नए राष्ट्रपति बराक ओबाम को दोनों देशों के नेताओं से हुई अपनी बातचीत का ब्यौरा देंगे.

मुंबई हमलों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के इरादे से इन दिनों कई पश्चिमी नेता दोनों देशों का दौरा कर रहे हैं. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिसा राइस और ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी नई दिल्ली और इस्लामबाद की यात्रा कर चुके हैं.