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आइवरी कोस्ट में पहुंचे और फ्रांसीसी सैनिक

४ अप्रैल २०११

आइवरी कोस्ट में युद्ध जैसा माहौल बन रहा है. अलासाने वतारा समर्थकों ने कहा है कि वह लॉरां ग्बाग्बो को सत्ता से हटाने के लिए हमलों को तैयार हैं. फ्रांस ने नागरिकों की मदद के लिए और सेना भेजी.

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तस्वीर: picture alliance/PANAPRESS/MAXPPP

आइवरी कोस्ट में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय वतारा को विजेता मानता है जबकि ग्बाग्बो सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं. देश के सबसे बड़े शहर अबीजान के आसपास सोमवार को सैंकड़ों की संख्या में वतारा के सैनिकों को देखा गया. राष्ट्रपति महल के पास से कई धमाके भी सुने गए. वतारा समर्थकों का कहना है कि यह राष्ट्रपति ग्बाग्बो को सत्ता से हटाने का अंतिम दौर है.

अबीजान की घेराबंदी

पिछले दिनों वतारा समर्थकों ने देश के ज्यादातर हिस्से पर नियंत्रण कर लिया. लेकिन आबीजान में उन्हें ग्बाग्बो के सैनिकों का सामना करना पड़ा, जिनकी पकड़ राष्ट्रपति महल, ग्बाग्बो के घर और सरकारी टीवी चैनल पर बेहद कड़ी है. रविवार को वतारा के टीवी चैनल टीसीआई पर उन्हीं की सरकार के प्रधानमंत्री गुइलेम सोरो ने कहा था कि उनकी रणनीति पहले शहर को घेरने की है और फिर लॉरां ग्बाग्बो के सैनिकों पर वार किया जाएगा. उन्होंने कहा, "अब हमला करने का सही समय आ गया है."

फ्रांस ने और सैनिक भेजे

आइवरी कोस्ट में नरसंहार की खबरों के बाद फ्रांस ने अपने और 150 सैनिक वहां भेजे हैं. इन सैनिकों का मुख्य काम वहां फंसे विदेशी नागरिकों को बाहर निकालना और आम लोगों की सुरक्षा करना होगा. अब आइवरी कोस्ट में फ्रांस के कुल सैनिकों की संख्या 1,650 हो गई है. फ्रांस ने आइवरी कोस्ट से विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए अबीजान में तीन जगहें तय की हैं. फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बेर्नार्ड वालेरो ने कहा, "हमने दो नई जगह तय की हैं. इन में से एक वफाऊ होटल है और दूसरी फ्रांस का दूतावास." तीसरी जगह फ्रांस का सैनिक शिविर है जहां पहले से ही सैंकड़ों विदेशियों ने शरण ली हुई है. इनमें से करीब आधे फ्रांस के नागरिक हैं." आइवरी कोस्ट में राष्ट्रपति चुनावों के बाद पांच महीनों से चल रही हिंसा में अब तक 1,500 से अधिक लोग मारे गए बताए जाते हैं.

नरसंहार में हाथ नहीं

आइवरी कोस्ट में संयुक्त राष्ट्र के मिशन ने वतारा के समर्थकों पर नरसंहार में शामिल होने का आरोप लगाया है. इस पर फ्रांस में वतारा के दूत एली कॉलिबली ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र मिशन कहता है कि नरसंहार हुआ, पर संयुक्त राष्ट्र मिशन उस समय कहां था? जब वतारा की सेना वहां पहुंची तब संयुक्त राष्ट्र मिशन वहां था ही नहीं. आप यूं ही कुछ भी कह कर इल्जाम नहीं लगा सकते, और इस तरह से राष्ट्रपति अलासाने वतारा की छवि को नुकसान नहीं पहुंचा सकते."

फ्रांस के सरकारी रेडियो से बात करते हुए कॉलिबली ने कहा, "इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि नरसंहार हुआ है, लेकिन किसी भी हालत में वतारा के सैनिक इसमें शामिल नहीं थे." ग्बाग्बो पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "हमें ग्बाग्बो को ढूंढ कर उन्हें बंदी बनाना चाहिए ताकि जिस संकट में उन्होंने देश को डाल दिया है, उसका अंत हो सके."

आइवरी कोस्ट में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए जिनमें अलासाने वतारा की जीत हुई. लेकिन राष्ट्रपति लॉरां ग्बाग्बो ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया. अंतरराष्ट्रीय समुदाय वतारा को ही आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति के रूप में देखता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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