सेक्स वर्कर्स को रामकथा सुनाने पर घिरे मोरारी बापू
२६ दिसम्बर २०१८अयोध्या के स्थानीय लोगों और कुछ धर्म गुरुओं का कहना है कि ऐसा करके मोरारी बापू ने अयोध्या जैसी पवित्र नगरी को अपवित्र करने का काम किया है.
रामकथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू की गत शनिवार से राम कथा शुरू हुई है जिसे सुनने के लिए मुंबई से करीब 200 सेक्स वर्कर्स को बुलाया गया है. मोरारी बापू ने मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा से सेक्स वर्कर्स को खुद अपने धार्मिक प्रवचन को सुनने के लिए आमंत्रित किया था.
अयोध्या स्थित डांडिया मंदिर के महंत भरत व्यास का कहना है कि इससे लोगों में गलत संदेश जाएगा. वो कहते हैं, "एक ऐसे शहर में जो धार्मिक नगरी के लिए प्रसिद्ध हो और जहां भगवान राम का जन्म हुआ हो, वहां सेक्स वर्कर्स् के जमावड़ा ठीक नहीं है. अयोध्या आध्यात्मिक नगरी है, न कि समाज सुधार का केंद्र. मोरारी बापू को समाज सुधार करना है तो कहीं और करें, कथा करनी हो तभी अयोध्या आएं.”
हालांकि मोरारी बापू की रामकथा शनिवार से शुरू हो चुकी है और उनके आमंत्रण पर सेक्स वर्कर्स यहां आई भी हैं. लोग भले ही विरोध कर रहे हों लेकिन सेक्स वर्कर्स के लिए ये बेहद खास अनुभव है. मुंबई से ही आई एक सेक्स वर्कर ने फोन पर बताया, "हमारे लिए ये बेहद सम्मान की बात है. ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं किसी धार्मिक आयोजन में शामिल हुई हूं. मेरी तरह दूसरी सेक्स वर्कर्स का भी यही कहना है.”
वहीं एक अन्य संगठन धर्म सेना का कहना है कि मोरारी बापू ने ऐसा करके अयोध्या नगरी को अपवित्र किया है. धर्म सेना के अध्यक्ष और बाबरी विध्वंस के मुख्य अभियुक्त संतोष दुबे कहते हैं, "पवित्र नगर अयोध्या में सेक्स वर्कर को आमंत्रित करके मोरारी बापू इस शहर को अपवित्र करना चाहते हैं. अगर मोरारी बापू समाज सुधार के लिए काम करना चाहते हैं, तो उन्हें इस प्रकार की राम कथा का आयोजन अयोध्या में नहीं बल्कि नक्सली और रेड लाइट इलाके में करना चाहिए.”
एक अन्य स्थानीय हिंदू नेता प्रवीण शर्मा कहते हैं कि उन लोगों ने मोरारी बापू के इस आयोजन का विरोध करते हुए इसकी शिकायत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र के जरिए की है.
लेकिन इन आलोचनाओं और विरोधों से बेपरवाह मोरारी बापू ने कहना है कि तुलसीदास ने गणिका का जिक्र रामचरितमानस में भी किया है और सेक्स वर्कर्स को बुलाकर वो उस वंचित तबके को भी कथा सुनाएंगे जिसे समाज ने कभी ये मौका नहीं दिया है.
मोरारी बापू गुजरात के रहने वाले हैं और एक कथावाचक के रूप में उनकी ख्याति भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में है. भारत के सबसे अमीर उद्योगपति अंबानी बंधु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके प्रशंसकों में से हैं और इन लोगों के मोरारी बापू से काफी प्रगाढ़ संबंध बताए जाते हैं.
विश्व हिन्दू परिषद या फिर संघ परिवार की ओर से मोरारी बापू की इस कथा का विरोध सीधे तौर पर तो नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन लोगों को भी मोरारी बापू का ये कदम अच्छा नहीं लग रहा है. उनका कहना था, "मोरारी बापू अच्छा कर रहे हैं या खराब, ये हम नहीं जानते लेकिन सेक्स वर्कर्स को वो कहीं और भी कथा सुना सकते थे, अयोध्या लाकर कथा सुनाकर वो क्या संदेश देना चाहते हैं.”
वहीं बजरंग दल के एक नेता का साफतौर पर आरोप है कि मोरारी बापू ये काम सिर्फ ‘पब्लिसिटी' के लिए कर रहे हैं, उनका समाज सुधार का कोई उद्देश्य नहीं है. इनके मुताबिक, "इस समय अयोध्या राजनीति और पब्लिसिटी का हॉट प्वाइंट बन गया है तो ये भी बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं.”
बहरहाल, मोरारी बापू के इस कदम की कुछ महिला संगठनों ने प्रशंसा भी की है. हालांकि इस बारे में किसी संगठन ने कोई सार्वजनिक बयान तो नहीं दिया लेकिन पूछे जाने पर महिलाएं इसका समर्थन करती नजर आ रही हैं.
लखनऊ में एक सामाजिक कार्यकर्ता आशा द्विवेदी कहती हैं, "मोरारी बापू का मकसद चाहे जो हो लेकिन एक वंचित और समाज से बहिष्कृत तबके को मुख्य धारा में लाने की उनकी कोशिश तो ठीक ही कही जाएगी. आखिर क्या इन महिलाओं को रामकथा सुनने का अधिकार नहीं है.”
हालांकि आशा द्विवेदी ये भी कहती हैं कि यदि सेक्स वर्कर्स को कथा सुनाने के लिए ही बुलाना था तो चुपचाप बुला लिए होती, उसका इतना प्रचार करने की क्या जरूरत थी?
वहीं मोरारी बापू का कहना है कि वो सेक्स वर्कर्स के जीवनोद्धार के लिए काम करते रहेंगे. रामकथा के दौरान मंच से ही उन्होंने सेक्स वर्कर्स के लिए अस्पताल बनाने के मकसद से 11 लाख रुपए रुपये देने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने देश और दुनिया के अन्य लोगों को भी इनकी मदद के लिए बढ़-चढ़कर सहयोग करनी की अपील की.
सेक्स वर्कर्स को मुंबई से अयोध्या तक लाने और उनके रहने-खाने का प्रबंध भी मोरारी बापू ने ही किया है. रामकथा 30 दिसंबर तक चलेगी.