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अमेरिकी कठपुतलियों पर जवाहिरी का निशाना

२८ फ़रवरी २०११

अल कायदा ने नया ऑडिया टेप जारी कर ट्यूनिशिया और मिस्र में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर अमेरिका को खरी खोटी सुनाई है. अल कायदा के नंबर दो कहे जाने वाले अयमान अल जवाहिरी ने कहा कि नियंत्रण अब भी अमेरिका के हाथ में है.

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ओसामा बिन लादेन और अयमान अल जवाहिरीतस्वीर: PA/dpa

इंटरनेट पर आतंकवादी गुटों की हरकतों की निगरानी करने वाली संस्था SITE के मुताबिक अरब जगत में विरोध प्रदर्शनों पर अयमान अल जवाहिरी ने अपना तीसरा ऑडिया टेप जारी किया है. यह टेप ट्यूनिशिया से पूर्व राष्ट्रपति बेन अली के भागने और मिस्र में हुस्नी मुबारक के सत्ता छोड़ने के बीच किसी दिन रिकॉर्ड किया गया है. जवाहिरी ने कहा कि ट्यूनिशिया में एक ऐसा शासन स्थापित होना चाहिए जो न्याय और आपसी मदद की एक मिसाल बन सके.

अमेरिका पर बरसते हुए जवाहिरी ने कहा कि ट्यूनिशिया पर कब्जा करके रखने वाले फ्रांस का भी विरोध करना चाहिए. अयमान अल जवाहिरी ने कहा कि जब अमेरिका को लगा कि बेन अली का खेल खत्म हो गया है और वह उस पर एक बोझ बन रहा है तो उसने बेन अली का साथ छोड़ दिया. लेकिन अब भी सत्ता पर अमेरिकियों और उसके एजेंटों का ही नियंत्रण है.

मिस्र में मुबारक विरोधी प्रदर्शनों का हवाला देते हुए जवाहिरी ने कहा कि ऐसा ही मिस्र में हो रहा है. यह टेप मुबारक के सत्ता से हटने से पहले रिकॉर्ड किया हुआ लगता है. जवाहिरी ने तंज कसते हुए कहा कि मिस्र में मोहम्मद अल बारादेई के रूप में एक धर्मनिरपेक्ष विकल्प उभर रहा है. "मुझे यह नहीं पता कि इस अंतरिम सरकार का मुख्यालय कहां होगा. विएना में या न्यू यॉर्क में." मोहम्मद अल बारादेई अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रह चुके हैं.

बारादेई के बारे में जवाहिरी ने कहा, "वह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के माकूल विकल्प हैं जो अपने हित भी पूरे कर रहे हैं और गरीबों को कुछ अधिकार देने की बात कह रहे हैं. लेकिन फिर मिस्र इस्लाम के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बना रहेगा, भले ही अमेरिका इसे आतंक के खिलाफ लड़ाई का नाम देता हो."

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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