अमेरिका ने भारत का विवादित नक्शा हटाया
२२ नवम्बर २०११भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस नक्शे पर आपत्ति जताई थी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने वॉशिंगटन में पत्रकारों से कहा, "हमने भारत के नक्शे को वेबसाइट से हटा दिया है. इसमें कुछ गलतियां थीं जो सीमाओं और भौगोलिक कारकों से जुड़ी हैं." एक सवाल के जवाब में विक्टोरिया ने कहा, "मेरी समझ के हिसाब से जिस तरह की इसमें गलतियां थीं उससे यही लगता है कि इसे सही तरीके से बनाया नहीं गया था."
वेबसाइट पर दोबारा नक्शा लगाने के बारे में पूछने पर विक्टोरिया ने बताया,"जब हमें दूसरा नक्शा मिल जाएगा और हमें यकीन हो जाएगा कि इसमें गलतियां नहीं हैं तब हम इसे अपनी वेबसाइट पर लगाएंगे." हालांकि विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने पूछने पर भी यह नहीं बताया कि मंत्रालय को यह गलत नक्शा कहां से मिला. उन्होंने बस इतना कहा, "यह अनजाने में हुआ. हम नक्शे को ठीक कर रहे हैं और फिर सही नक्शा लगाएंगे."
अमेरिकी विदेश विभाग वेबसाइट के कुछ दूसरे हिस्सों से भी इस नक्शे को हटवा रहा है. विदेश मंत्रालय की वेबसाइट से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के नक्शे हटाए गए हैं. इस नक्शे में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है. इस बारे में सबसे पहले भारत के एक प्रमुख अखबार ने खबर दी थी. इसके बाद भारत सरकार ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से इस पर सख्त विरोध जताया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि वेबसाइट पर जो नक्शा लगाया गया है वह भारत के राजनीतिक नक्शे से अलग है.
इसमें पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पर भारत के दावे की अनदेखी की गई है और यहां तक कि उसे विवादित क्षेत्र भी नहीं माना गया है. इस मौके पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर जोर दे कर कहा, "समूचा जम्मू कश्मीर प्रांत भारत का अटूट हिस्सा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हम लगातार बताते रहते हैं कि भारत के नक्शे में देश की सीमाओं को सही तरीके से दिखाया जाना चाहिए." अमेरिकी विदेश मंत्रालय के नक्शे में उत्तर की तरफ अक्साई चीन के मामले में चीन के साथ लगती सीमा दिखाई गई है जिस पर बीजिंग का कब्जा है. नक्शे में एक प्वाइंटर लगा कर भारत के दावे को दिखाया गया है.
वेबसाइट पर देशों के नाम के हिसाब से ए से लेकर जेड तक सूची बनाई गई है. जिन देशों के साथ अमेरिकी के कूटनीतिक रिश्ते हैं उन सभी देशों के बारे में जानकारी और उनके नक्शे इस वेबसाइट पर मौजूद हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/एन रंजन
संपादनः वी कुमार