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अमेरिका के अंतरिक्ष में 50 साल

२० फ़रवरी २०१२

1960 का दशक अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. अमेरिका और सोवियत संघ के बीच केवल धरती पर ही नहीं, अंतरिक्ष में भी एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ लगी हुई थी.

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एलेन शेपर्डतस्वीर: AP

12 अप्रैल 1961 को जब रूस के यूरी गागारिन अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले इंसान बने, तो अमेरिका के लिए यह बेहद निराशाजनक था. उस वक्त तक अमेरिका की ओर से किसी को भी अंतरिक्ष में नहीं भेजा गया था. इसलिए सोवियत संघ की यह उपलब्धि अमेरिका के गाल पर तमाचे जैसी थी.

हालांकि अमेरिका काफी पहले से तैयारी कर रहा था. फ्रीडम 7 मिशन के तहत अमेरिका अक्टूबर 1960 से ही एलन शेपर्ड को अंतरिक्ष में भेजना चाह रहा था. लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें रुकावटें आती रहीं. आखिरकार 5 मई 1961 को यह मुमकिन हुआ. लेकिन तब तक सोवियत संघ बाजी मार चुका था. एलेन शेपर्ड धरती से 187 किलोमीटर की दूरी तय करने में तो सफल रहे, लेकिन वह धरती के चारों तरफ घूम नहीं पाए.

जॉन ग्लेन की उड़ान

अगले दस महीने अमेरिका के लिए काफी मुश्किल भरे रहे. 1962 में एक बार फिर अमेरिका की उम्मीदें जगीं. 20 फरवरी 1962 को अमेरिका ने 40 वर्षीय जॉन ग्लेन को अंतरिक्ष में भेजा. कहा जा सकता है कि फ्रेंडशिप 7 मरक्युरी अंतरिक्ष यान ने अमेरिका की इज्जत बचा ली. इस यान ने 296 मिनटों में धरती के तीन चक्कर लगाए.

जब जॉन ग्लेन धरती पर लौटे तो वो अमेरिका के लिए नए हीरो थे. उस वक्त राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने पूरे सम्मान के साथ ग्लेन का स्वागत किया. अमेरिका दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रहा कि वह भी किसी से पीछे नहीं है.

ग्लेन की उड़ान सफल जरूर रही, लेकिन मुश्किलों से भरी हुई भी थी. हालांकि ग्लेन को लॉन्च के समय कोई दिक्कत नहीं हुई और न ही अंतरिक्ष में प्रवेश करते हुए उन्हें किसी मुसीबत का सामना करना पड़ा. 90 मिनट से कम के समय में ही उन्होंने धरती का पहला चक्कर लगा लिया था. लेकिन उसके बाद ऑटोमैटिक सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया और यान का पूरा कंट्रोल उन्हें अपने हाथों में लेना पड़ा. लैंडिंग के समय भी उन्हें काफी दिक्कतें आईं.

सबसे बूढ़े अंतरिक्ष यात्री

इसके बाद 15 मई 1963 को लेरॉय कूपर मरक्युरी प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष में पहुंचे और धरती के 22 चक्कर लगाए. ग्लेन इस बात से बेहद खुश थे कि अमेरिका की तरफ से वह पहले व्यक्ति थे जो धरती की परिक्रमा पूरी कर सके. लेकिन इस बात की निराशा उन्हें हमेशा रही कि वह अंतरिक्ष को छूने वाले दुनिया के पहले नहीं बल्कि तीसरे व्यक्ति थे. पर 29 अक्टूबर 1998 में उन्हें एक नया रिकॉर्ड बनाने का मौका मिला. वह 77 साल की उम्र में डिस्कवरी स्पेस शटल के साथ नौ दिन के लिए अंतरिक्ष में गए और दुनिया के सबसे अधिक उम्र वाले अंतरिक्ष यात्री बन गए. पिछले साल स्पेस शटल को बंद करने के राष्ट्रपति बराक ओबामा के फैसले का भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया था. ग्लेन का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि इंसान अंतरिक्ष में कितनी दूर तक सफर तय कर पाता है. वह चांद तक पहुंचे या मंगल ग्रह तक, जरूरी यह है कि अनुसंधान का दायरा बढ़ता रहे.

रिपोर्ट: डीपीए/ईशा भाटिया

संपादन: मानसी गोपालकृष्णन

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