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अब मंगल कूच की तैयारी

१३ अगस्त २००९

भारत के वैज्ञानिक अब चांद मिशन के बाद मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारियों में जुट गए हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है.

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मंगल ग्रहतस्वीर: AP

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले छह साल में एक सैटेलाइट मंगल ग्रह की छानबीन के लिए रवाना किया जा सकता है.

भारत सरकार ने इस महत्वाकांक्षी मिशन के लिए दस करोड़ रुपए की बीज राशि मंज़ूर कर ली है.

जिसका इस्तेमाल बुनियादी रिसर्च और अलग अलग तरह के अध्ययनों में किया जाएगा.

इसरो के चेयरमैन जी माधवन नायर के मुताबिक मिशन से जुड़े कुछ अध्ययन किए जा चुके हैं. अब वैज्ञानिक प्रस्ताव और उद्देश्य जमा किए जा रहे हैं.

नायर के मुताबिक 2013 से 2015 के बीच मंगल ग्रह को एक उपग्रह भेजने की योजना है.

चंद्रयान प्रथम के मिशन ने वैज्ञानिकों की युवा जमात में उत्साह और खोजपरकता की नई लहर भर दी है. और इसी आधार पर मंगल कूच की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है.

विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक के राधाकृष्णन के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्यगिकी संस्थान, फिजिक्स रिसर्च लेबोरेटरी, टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और दूसरे शोध संस्थानों से जुड़े युवा वैज्ञानिकों को इस मिशन का खाका तैयार करने के काम में लगाया जा रहा है.

राधाकृष्णन ने बताया कि जीएसलीवी प्रक्षेपण यान के ज़रिए उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.

रिपोर्ट-पीटीआई/एस जोशी

संपादन-एस गौड़