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अन्ना हजारे ने सरकार में खलबली मचाई

८ अप्रैल २०११

अन्ना हजारे के अनशन से पैदा हुई राजनीतिक बेचैनी को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन को खुद आगे आना पड़ा है. शुक्रवार को मनमोहन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से बातचीत की.

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तस्वीर: AP

अन्ना हजारे का आमरण अनशन शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा. जंतर मंतर में अन्ना हजारे के नए समर्थक बढ़ते गए. वहीं दूसरी ओर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बार फिर अन्ना के नुमाइंदों से बात की. आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश के साथ सिब्बल की दूसरे दौर की बातचीत भी सफल नहीं हुई.

इसके बाद जंतर मंतर से अन्ना हजारे का 'जेल भरो' का नारा निकला. 72 साल के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 13 अप्रैल से जेल भरो आंदोलन छेड़ने का एलान किया है. अन्ना के इस एलान ने दो तीन घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार के पसीने छुड़ा दिए.

Anna Hazare Indien Aktivist
तस्वीर: picture alliance/dpa

पहले वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी ने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की. बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में हलचल बढ़ी. गतिरोध खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं से मुलाकात की. मनमोहन ने सोनिया गांधी, अहमद पटेल, कपिल सिब्बल और प्रणब मुखर्जी से बातचीत की. बाद में केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री आवास जाकर सिंह से चर्चा की.

भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल लाए जाने की मांग कर रहे अन्ना हजारे मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठे हुए है. उन्हें अब कमजोरी और हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने लगी है. लेकिन इसके बावजूद अन्ना अनशन पर डटे हुए हैं. उनकी मुहिम से आए दिन हजारों लोग जुड़ रहे हैं. शुक्रवार को भी हजारों लोग जंतर मंत्रर पर जमा हुए.

आए दिन भ्रष्टाचार के नए नए आरोपों का सामना कर रही मनमोहन सरकार इस आंदोलन से बचाव की मुद्रा में आ गई है. अन्ना हजारे को मिल रहे अपार समर्थन ने कांग्रेस को डराना शुरू कर दिया है. अपने चुनावी पोस्टरों में महात्मा गांधी की तस्वीर छापने वाली कांग्रेस पार्टी का सामना गांधीजी के एक असली भक्त से हो गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा एम