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अति मत करो ईशांत: श्रीनाथ

१७ नवम्बर २००९

भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ जवागल श्रीनाथ ने ईशांत शर्मा को संतुलन साधने की सलाह दी है. श्रीनाथ के मुताबिक इस उम्र के ज़्यादा गेंदबाज़ी करना अच्छी बात है पर अति कर देना ठीक नहीं.

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दबाव में ईशांततस्वीर: AP

टीम इंडिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ को सलाह देते हुए श्रीनाथ ने कहा, ''20-21 साल की उम्र में आप जितनी गेंदबाज़ी करते हैं वो आपके लिए उतनी ही अच्छी होती है. लेकिन कहीं न कहीं संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है.'' क़रीब 12 साल तक टीम इंडिया के तेज़ आक्रमण की धार रहे जवागल श्रीनाथ के मुताबिक ईशांत होनहार हैं लेकिन फिलहाल वो पुराने रंग में नहीं दिख रहे हैं.

यह बात किसी से नहीं छुपी है कि ईशांत इस साल बहुत क्रिकेट खेल चुके हैं और हाल के समय में तो उनकी लय भी बिगड़ी है. 21 साल के ईशांत ने इस अब तक 19 वनडे मुक़ाबलों में 24 और पांच टेस्ट मैचों में चार विकेट लिए हैं. अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी-20 मुक़ाबलों में तो उन्हें इस साल एक भी विकेट नहीं मिला. आईपीएल और चैंपियंस लीग में भी ख़ूब खेले लेकिन विकेटों की झोली खाली ही रही.

वनडे में टीम इंडिया के लिए 315 विकेट चटकाने वाले श्रीनाथ कहते हैं, ''अति क्रिकेट के बीच उन्हें स्पोटर्स साइंस समझने की ज़रूरत है. मुझे लगता है कि ईशांत वक्त के साथ इसकी अहमियत समझने लगेंगे.'' हालांकि पूर्व पेसर ने इस बात से इनकार किया है कि ईशांत का प्रदर्शन ढलने लगा है. उनके मुताबिक ईशांत हाल के दिनों में सपाट विकेटों पर खेल रहे हैं और ऐसे में गेंदबाज़ पिटता ही है. इन दिनों आईसीसी मैच रेफरी की भूमिका निभाने वाले 40 साल के श्रीनाथ का कहना है कि ईशांत बेहद प्रतिभाशाली है और उन्होंने अपने लिए ऊंचे मानक भी स्थापित किए हैं.

श्रीनाथ को उम्मीद है कि श्रीलंका के साथ होने वाली टेस्ट सीरीज़ ईशांत शर्मा के लिए के लिए एक अच्छा मौक़ा है. इस दौरान शर्मा चाहें तो पुरानी लाइन लेंथ और लय हासिल कर सकते हैं. श्रीनाथ ने अन्य लोगों को भी सलाह दी है कि वो ईशांत को अकेला छोड़ दें. उनके बारे में ज़्यादा बात न करें, इससे उन पर और दबाव बढ़ेगा.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़