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अर्थव्यवस्थासंयुक्त राज्य अमेरिका

जूम ने स्टाफ से कहा, वर्क फ्रॉम होम नहीं चलेगा

८ अगस्त २०२३

जिस जूम के सहारे दुनियाभर की कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, उसने अपने कर्मचारियों को दफ्तर आकर काम करने का आदेश दिया है.

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जूम से वर्क फ्रॉम होम
जूम तकनीक ने बड़ी संख्या में लोगों को घर से काम करने की सुविधा दीतस्वीर: ROBIN UTRECHT/picture alliance

‘वर्क फ्रॉम होम‘ का नाम लेते ही जिस कंपनी जूम का जिक्र आता है, उसने अपने कर्मचारियों को दफ्तर से काम करने का आदेश दिया है. बीबीसी के मुताबिक जूम ने अपने कर्मचारियों को ‘हाइब्रिड फॉर्मैट' में काम करने को कहा है. यानी लोग कुछ दिन घर से काम कर सकते हैं और कुछ दिन के लिए उन्हें दफ्तर आना होगा.

एक बयान में जूम ने कहा कि काम का यह मिला-जुला तरीका सबसे प्रभावशाली रहता है और दफ्तर के 80 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले स्टाफ को हफ्ते में कम से कम दो दिन दफ्तर से काम करना चाहिए.

जूम का ऐलान उसी सिलसिले की अगली कड़ी है, जिसके तहत दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम सुविधा में कटौती की है. इससे पहले एमेजॉन और डिज्नी जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां घर से काम करने के दिनों में कमी कर चुकी हैं. एक बार जूम ने कहा था कि उसके कर्मचारी पूरी तरह घर से काम कर पाएंगे. लेकिन नयी नीति में जूम ने कहा कि अगस्त और सितंबर से नयी व्यवस्था लागू हो जाएगी.

घर से काम करना चाहते हैं लोग

फिलहाल अमेरिका में काफी लोग घर से ही काम कर रहे हैं. जुलाई में स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण में पता चला कि 12 फीसदी कर्मचारी पूरी तरह घर से काम कर रहे थे, जबकि 29 प्रतिशत ने हाइब्रिड सिस्टम में काम किया, यानी कुछ दिन घर से काम किया और कुछ दिन वे दफ्तर गये. अन्य देशों में हुए सर्वेक्षणों में भी करीब-करीब ऐसे ही नतीजे मिले थे. ऑस्ट्रेलिया में पिछले महीने ही सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से पूरी तरह काम करने का अधिकार दिया था.

हालांकि बहुत से सर्वेक्षणों के नतीजे दिखाते हैं कि ज्यादातर लोग घर से काम करना चाहते हैं और उनकी कार्यक्षमता पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. लेकिन अंग्रेजी भाषी देशों में यह ज्यादा कामयाब रहा है. स्टैन्फर्ड के सर्वेक्षण के मुताबिक एशिया और यूरोप की तुलना में अंग्रेजी भाषी देशों में ज्यादा लोग घर से काम करते हैं.

कोविड महामारी में काम करने की व्यवस्था पूरी तरह बदल गयी. उससे पहले अमेरिका में सिर्फ 5 प्रतिशत लोग घर से काम करते थे.

जूम की हालत कमजोर

जूम के पास लगभग 8,400 कर्मचारी हैं जिनमें से आधे अमेरिका में हैं. हाल ही में लंदन में उसने अपना नया दफ्तर खोला है. युनाइटेड किंग्डम में जूम के लगभग 200 कर्मचारी हैं.

बिजनेस इनसाइडर में छपी खबर के मुताबिक जूम का मानना है कि नयी नीति से कंपनी "अपनी तकनीकों का बेहतर इस्तेमाल कर पाएगी और अपने दुनियाभर में फैले ग्राहकों की मदद के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए और नये विकास कर सकेगी.”

जूम ने कहा, "हम अपने कर्मचारियों और जगह-जगह फैली अन्य टीमों को जोड़े रखने के लिए व पूरी क्षमता से काम करने क लिए जूम प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल जारी रखेंगे.”

वर्क फ्रॉम होम या कामचोरी? बॉस को क्या लगता है

सितंबर 2022 में जूम के सिर्फ एक फीसदी कर्मचारी दफ्तर से काम कर रहे थे, जबकि 75 फीसदी ने पूरी तरह घर से काम किया था. बाकी लोग हाइब्रिड व्यवस्था में काम कर रहे थे. लेकिन तब से जूम की वित्तीय स्थिति काफी कमजोर हुई है. अब जूम के शेयर की कीमत 68 डॉलर के आसपास है जबकि अक्टूबर 2020 में यह 500 डॉलर पर बिक रहा था.

माइक्रोसॉफ्ट आदि अन्य कंपनियों ने भी जूम जैसी सेवाएं शुरू कर दी हैं, जिससे बाजार में प्रतिद्वन्द्विता खासी बढ़ गयी है. इसी साल की शुरुआत में जूम ने 15 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की थी जबकि उच्च पदों पर बैठे अफसरों की तन्ख्वाहों में कमी की गयी थी.

विवेक कुमार (एएफपी)