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अपराधभारत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पांच साल, थम नहीं रही लिंचिंग

चारु कार्तिकेय
२६ जून २०२३

महाराष्ट्र में गोमांस के नाम पर लोगों की पीट पीट कर हत्या कर देने के एक महीने में दो मामले सामने आये हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिशा निर्देश जारी किये थे, लेकिन मॉब लिंचिंग रुक नहीं रही है.

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कथित 'गौ-रक्षक'
एक ट्रक की तलाशी लेते कथित 'गौ-रक्षक'तस्वीर: DW

महाराष्ट्र में गोमांस ले जाने के शक में किसी की पीट पीट कर हत्या कर देना का एक और मामला सामने आया है. यह राज्य में एक ही महीने में इस तरह से की जाने वाली दूसरी हत्या है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शनिवार 24 जून को 32 वर्षीय अफान अब्दुल माजिद अंसारी अपने एक दोस्त नासिर हुसैन शेख के साथ एक गाड़ी में मांस लेकर मुंबई जा रहे थे. रास्ते में नाशिक ग्रामीण जिले में करीब 15 लोगों के समूह ने उन्हें रोका और फिर डंडों और लोहे की छड़ों से उनकी पिटाई की.

एक इलाका, दो घटनाएं

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस जब वहां पहुंची तो अंसारी और शेख बुरी तरह घायल थे, लेकिन बाद में अस्पताल में अंसारी की मौत हो गई. शेख की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है.

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शेख की ही शिकायत पर पुलिस ने हत्या और दंगा करने का मामला दर्ज कर लिया है. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर 10 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

यह इसी इलाके में एक महीने में होने वाली दूसरी घटना है. इससे पहले इसी जगह से करीब 25 किलोमीटर दूर ठाणे जिले में इसी तरह एक समूह ने मवेशी ले जा रहे दो मुस्लिम युवकों को पीटा था, जिसमें से एक की लाश दो दिनों बाद बरामद हुई थी.

23 साल के उस मृतक का नाम लुकमान अंसारी था. पुलिस ने उस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस ने सभी मुल्जिमों को राष्ट्रीय बजरंग दल का सदस्य बताया था. पिछले कुछ सालों में देश के कई राज्यों में गोमांस के नाम पर इसी तरह लोगों को मार दिए जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं.

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश

2018 में इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए दायर की गई एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे.

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इनमें इस तरह के मामलों पर तेज गति से अदालतों में सुनवाई, हर जिले में पुलिस के एक विशेष दस्ते का गठन, ज्यादा मामलों वाले इलाकों की पहचान, भीड़-हिंसा के खिलाफ रेडियो, टीवी और दूसरे मंचों पर जागरूकता कार्यक्रम जैसे कदम शामिल हैं.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने संसद से अपील भी की थी कि वो इस तरह की हिंसा के खिलाफ एक नया कानून लेकर आए, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की गई है.

इसके पहले पिछले कुछ सालों में झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर जैसे कई राज्यों में इस तरह की हत्याएं हो चुकी हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 4 जुलाई 2022 को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम में कहा था, "इसलिए हम कहते हैं, हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है. गौ माता पूज्य है लेकिन लिंचिंग करने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं."