'अग्निपथ': क्या योजना में बदलाव से शांत होगा विरोध?
भारतीय सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद सरकार ने योजना में कई बदलाव किए हैं. लेकिन क्या ये बदलाव योजना को सेना में पहले जैसी भर्ती की मांग कर रहे युवाओं को लुभा पाएंगे?
नौकरियां लापता
हर साल 50 से 80 हजार लोगों को भर्ती करने वाली भारतीय सेना में कोविड-19 महामारी की वजह से दो सालों से भर्ती रुकी हुई थी. 2022 में भर्ती की घोषणा हुई भी तो 'अग्निपथ' यानी सिर्फ चार साल की सेवा की नई योजना के रूप में. घोषणा के बाद ही योजना के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
स्तब्ध सरकार
सरकार ने शायद इतने उग्र विरोध की उम्मीद नहीं की थी. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मूल घोषणा के अगले दिन ही उसमें एक बदलाव लाया गया. भर्ती के लिए आयु की ऊपरी सीमा को 21 से बढ़ा कर 23 साल कर दिया गया. हालांकि यह सिर्फ पहले बैच यानी इस साल के बैच के लिए लागू होगी.
रक्षा नौकरियों में आरक्षण
प्रदर्शनों के शांत ना होने पर सरकार ने योजना को और लुभावना बनाने के कदम उठाए. अब 'अग्निवीरों' के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटों को आरक्षित रखा जाएगा. यह कोस्ट गार्ड, रक्षा सिविलियन पद और 16 सरकारी रक्षा कंपनियों की नौकरियों में लागू होगा. या पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अलावा होगा.
गृह मंत्रालय में भी आरक्षण
गृह मंत्रालय ने भी 'अग्निवीरों' के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का फैसला किया है. इन नौकरियों में 'अग्निवीरों' की भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ा कर 24 कर दिया गया है. पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा को और बढ़ा कर 26 कर दिया गया है.
मर्चेंट नेवी में अवसर
कई मंत्रालय योजना को और स्वीकार्य बनाने में लगे हैं. शिपिंग मंत्रालय ने कहा है कि नौसेना में कार्यकाल पूरा करने के बाद 'अग्निवीरों' को मर्चेंट नेवी की अलग अलग नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी.
शिक्षा मंत्रालय का कदम
शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि 'अग्निवीरों' के लिए ओपन स्कूल के जरिए विशेष कार्यक्रम लाए जाएंगे. 10वीं पास अग्निवीरों को एक विशेष कोर्स कर 12वीं पास का प्रमाणपत्र दिलाया जाएगा. यह आगे की पढ़ाई या रोजगार दोनों के लिए मान्य होगा. इसके आलावा इग्नू में एक विशेष, कौशल आधारित स्नातक कार्यक्रम भी तैयार किया जाएगा जिसके तहत 50 प्रतिशत अंक 'अग्निवीरों' को मिले प्रशिक्षण के आधार पर दिए जाएंगे.