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दो नेताओं ने पुतिन को अपना डीएनए देने से क्यों इनकार किया

१९ फ़रवरी २०२२

किसी ताकतवर शख्स की सटीक बायोलॉजिकल जानकारी हासिल कर क्या क्या किया जा सकता है? जर्मनी और फ्रांस के शीर्ष नेताओं के रूस में पीसीआर टेस्ट न कराने से ऐसे सवाल उठ रहे हैं.

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनतस्वीर: Kay Nietfeld/dpa/picture alliance

ज्ञान अगर ताकत है तो गुप्त ज्ञान उससे भी बड़ा हथियार है. किसी इंसान का डीएनए भी इसी दायरे में आता है. दुनिया में हर इंसान का डीएनए अनोखा है. डीएनए में संबंधित इंसान की जैविक जानकारी छुपी होती है. तो क्या इसी वजह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करने मॉस्को पहुंचे फ्रांसीसी राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर ने रूस में पीसीआर टेस्ट कराने से मना किया? जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स से पहले पुतिन से मिलने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कई औपचारिकताओं को नहीं माना.

शॉल्त्स और माक्रों कोविड-19 से जुड़े नियमों के समर्थक हैं, लेकिन फिर भी दोनों ने पीसीआर टेस्ट के लिए नाक या गले से लिया जाने वाला स्वाब सैंपल देने से मना कर दिया. इसके बाद से ये आशंकाएं जताई जाने लगीं कि माक्रों और शॉल्त्स अपनी जेनेटिक जानकारी रूस को नहीं देना चाहते थे. 

किसी भी देश के बड़े नेता राष्ट्रीय हित, सुरक्षा और खुफिया एजेसियों के नेटवर्क के साये में काम करते हैं. खुफिया एजेंसियां किसी भी तरह दूसरों से आगे रहना चाहती हैं और ऐसे में युद्ध के बजाए बहुत ही सीक्रेट जानकारियां और डाटा हासिल करना ज्यादा कारगर साबित होता है. इंटेलिजेंस एक्सपर्ट कहते हैं कि एक दिन जीन साइंस बहुत ही कारगर हथियार साबित होगी, लेकिन अभी वह समय दूर है.

पुतिन और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की बातचीत
पुतिन और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की बातचीततस्वीर: Mikhail Klimentyev/Sputnik/dpa/picture alliance

रूस में टेस्ट न कराने का कारण

जर्मनी और फ्रांस की सरकारों ने पीसीआर टेस्ट और डीएनए सैंपल से जुड़ी आशंकाओं को खारिज किया है. फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि पुतिन के करीब जाने के लिए जो शर्तें रखी गई थीं, वो फ्रेंच राष्ट्रपति को स्वीकार्य नहीं थी. वहीं जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफन हेबेश्ट्राइट के मुताबिक चांसलर शॉल्त्स ने बिल्कुल वही प्रक्रिया अपनाई जो विदेशी गणमान्यों के लिए जर्मनी में लागू है.

डीएनए प्रोफाइलिंग का मकसद क्या है

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मेहमान अपना पीसीआर टेस्ट जमा करते हैं और संदेह होने पर डॉक्टर विमान में जाकर पीसीआर टेस्ट की प्रक्रिया देख सकते हैं. रूसी मीडिया में आई खबरों के बारे में हेबेश्ट्राइट ने कहा, "रूसी पक्ष ने इसे दूसरे रूप में लिया और कहा कि अगर टेस्ट हुआ तो वह रूसी होना चाहिए. और चांसलर ने फैसला किया कि वे इसके लिए उपलब्ध नहीं हैं." जर्मन सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मामले का इससे ज्यादा मतलब नहीं निकालते हैं.

शॉल्त्स और माक्रों से दूर रहने वाले पुतिन ब्राजील के राष्ट्रपति से इस तरह मिले
शॉल्त्स और माक्रों से दूर रहने वाले पुतिन ब्राजील के राष्ट्रपति से इस तरह मिलेतस्वीर: Mikhail Klimentyev/Russian Presidential Press Office/TASS/imago images

डीएनए से क्या कुछ निकाला जा सकता है?

इंसान समेत ज्यादातर जीव और वनपस्तियां कोशिकाओं से मिलकर बने हैं. हर कोशिका के भीतर डीएनए होता है, जिसमें उस जीवन से जुड़ी जरूरी जेनेटिक जानकारी होती है. इस डीएनए को कई तरीके से निकाला जा सकता है. कोरोना टेस्ट के दौरान नाक या गले से लिए जाने वाले नमूनों में असंख्य मात्रा में डीएनए और आरएनए होते हैं. अमेरिका की मिनीसोटा यूनिवर्सिटी में जीनोमिक्स सेंटर के डायरेक्टर केनी बेकमैन कहते हैं, "आप उस सैंपल से डीएनए को अलग कर सकते हैं और फिर उसकी मदद से वो सारी चीजें कर सकते हैं जो आप उस इंसान पर आजमाना चाहते हैं.''

हर डीएनए में जिंदा रहने और विकास के लिए जरूरी निर्देश रहते हैं. डीएनए से वंश और दूर दराज के रिश्तेदारों का भी पता चलता है. डीएनए अनुवांशिक बीमारियों, सेहत और मेडिकल कंडीशन की भी जानकारी देता है. फॉरेंसिक साइंस में डीएनए का इस्तेमाल कर संदिग्ध अपराधियों तक पहुंचा जाता है.

कोरोना के दौर में स्वाब टेस्ट आम हुआ
कोरोना के दौर में स्वाब टेस्ट आम हुआतस्वीर: Kyodo/picture alliance

नेताओं के खिलाफ डीएनए का इस्तेमाल कैसे हो सकता है?

फ्लोरिडा में जीनअनुवंशिकी के एक्सपर्ट हॉवर्ड मैकलॉयड कहते हैं, "डीएनए का इस्तेमाल कर आपको संभावित बीमारियों के जोखिम के बारे में पता चल सकता है, तो बीमारी का खतरा तो है ही. आप यह भी देख सकते हैं कि क्या उनके पुरखों से जुड़ा ऐसा कोई मामला है जिसका फायदा उठाया जा सकता है." हालांकि मैकलॉयड कहते हैं कि ये विचार कल्पना के स्तर पर बहुत डरावने लगते हैं, लेकिन हकीकत में इतना घबराने की जरूरत नहीं है.

जॉर्ज एनस बायोएथिसिस्ट हैं जो जैविक मामलों से जुड़े मूल्यों की वकालत करते हैं. एनस जेनेटिक प्राइवेसी के बारे में विस्तार से लिख चुके हैं. इस मामले पर वह कहते हैं, "डीएनए कोई जादू नहीं है. ये आपको कुछ जानकारी देता है, लेकिन ये यह नहीं बताएगा कि आप कैसे किसी की हत्या कर सकते हैं."

ओएसजे/एमजे (एपी)