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फिल्मइटली

महिलाओं को लेकर नया नजरिया पेश कर रहीं ये सात फिल्में

२ सितम्बर २०२२

वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2022 में कई निर्देशक अलग-अलग तरीके से महिलाओं की कहानियां सुना रहे हैं. उनमें से कुछ का नजरिया नया है, तो कुछ ने बड़े बदलाव को दिखाया है. हालांकि, ये सभी महिलाओं के नजरिए से दुनिया को दिखा रहे हैं.

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Filmszene "TAR"
तस्वीर: Florian Hoffmeister/Focus Features/Universal Pictures/picture alliance/dpa

‘टार': महिलाएं भी पागलपन की हद तक जा सकती हैं

कलाकारों, खासकर संगीतकारों की प्रतिभा और उनके पागलपन को फिल्मों के इतिहास में काफी ज्यादा दिखाया गया है. अमेरिकी निर्देशक टॉय फील्ड ने एक महिला को केंद्र में रखते हुए इसी विषय पर ‘टार' फिल्म बनाई है. इस फिल्म में काल्पनिक चरित्र लिडा टार हैं, जो जर्मनी की प्रमुख ऑर्केस्ट्रा टीम का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं. 

केट ब्लैंचेट ने विश्व प्रसिद्ध कलाकार लिडा टार की भूमिका निभाई है, जो पुरुषों के प्रभुत्व वाले पेशे में खुद की जगह बनाती हैं और इस दौरान अपना मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष करती हैं. 

लिम्मेन्सिटा (L'immensita): छोटे से दायरे में सिमटी पत्नी का अकेलापन

79. Filmfestival von Venedig | L'IMMENSITÀ
तस्वीर: Angelo R. Turetta

लिम्मेन्सिटा (L'immensita) का मतलब है विशालता या अनंत. इमानुएल क्रिएलिस का यह नाटक 1970 के दशक के इटली पर आधारित है. इसमें पेनेलोप क्रूज ने क्लारा बोरगेटी नाम की महिला की भूमिका निभाई है. यह महिला अपने पति फेलिस और तीन बच्चों के साथ रोम के अपार्टमेंट में शिफ्ट हो जाती है. पति-पत्नी के रिश्ते में अब थोड़ी-बहुत ही खुशियां बची हैं. दोनों के बीच का प्यार अब इतिहास का पन्ना बन चुका है, लेकिन उनमें एक-दूसरे से अलग होने का साहस भी नहीं है. क्लारा ने अब खुद को पूरी तरह एक मां की भूमिका में ढाल लिया है, लेकिन यहां भी मां और बच्चों के रिश्तों में तनाव है. क्लारा की बड़ी बेटी, 12 वर्षीय एड्रियाना उसके नाम और लैंगिक पहचान से नफरत करती है.

‘द इटरनल डॉटर': मां-बेटी का प्रभावशाली रिश्ता

जूली (टिल्डा स्विंटन) अपनी बूढ़ी मां के साथ उस हवेली में घूमने जाती है जो उसके परिवार से जुड़ा हुआ था. वह अपनी मां के बारे में एक फिल्म बनाना चाहती है. वह खाली होटल में ठहरती हैं, जहां रिसेप्शनिस्ट उन्हें एक जर्जर कमरा देता है. रात में उन्हें काफी ज्यादा शोर सुनाई देता है और वे सो नहीं पाती हैं. क्या यह होटल भूतहा था? 

फिल्म में लंबे समय से भुला दिए गए या दबे हुए रहस्य को सामने लाया गया है. निर्देशक जोआना हॉग ने भावनात्मक नजरिए के साथ पारिवारिक घटनाओं से जुड़ा हुआ यह फिल्म बनाया है.

‘ब्लोंड': चकाचौंध दुनिया के पीछे का सच

इस फिल्म को एंड्रयू डोमिनिक ने निर्देशित किया है और निर्माण नेटफ्लिक्स ने किया है. यह फिल्म हॉलीवुड अभिनेत्री मर्लिन मुनरो के जीवन पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है. इसमें दिखाया गया है कि सिनेमा के स्क्रीन पर दिखने वाली महिला की असली जिंदगी किस तरह की है. 

वह महिला उस छवि में फंसी हुई महसूस करती है जो दूसरों ने उसकी बनाई है. वह खुद को इस पहचान से दूर करने की कोशिश करती है, लेकिन वह फिर से इसी पहचान को दोबारा अपना लेती है. फिल्म में एना डे अरमास ने मर्लिन मुनरो की भूमिका निभाई है, जो पर्दे पर कभी क्रोधित, कभी भ्रमित, तो कभी बेचैन दिखती है. 

Filmszene "Blonde"
तस्वीर: Netflix 2022/picture alliance/dpa

‘ब्लोंड' नाम से ही जॉयस कैरल ओट्स ने उपन्यास लिखा है. इस उपन्यास को वर्ष 2000 में पुलित्जर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. किताब की लेखक ने फिल्म की झलक देखने के बाद खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, "मैंने जो देखा वह अद्भुत, शानदार, परेशान करने वाला और आश्चर्यजनक था. इस फिल्म में पूरी तरह से नारीवाद की व्याख्या की गई है.”

‘सेंट ओमेर': मातृत्व की दुविधा

वेनिस फिल्म फेस्टिवल में फ्रांसीसी निर्देशक एलिस डिओप की फिल्म "सेंट ओमर" भी गोल्डन लायन की दौड़ में शामिल है. डिओप पहले ही डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. उनकी इस फिल्म में दो महिलाओं, गर्भवती लेखक रमा (कायजे कागामे) और युवा महिला लॉरेंस कोली (गुस्लागी मालंडा) की कहानी दिखायी गई है. कोली पर फ्रांस के उत्तरी इलाके में मौजूद शहर सेंट ओमेर में अपनी 15 महीने की बेटी की हत्या का आरोप है.  

रमा एक उपन्यास लिखना चाहती है और इस मामले की सुनवाई को देखने के लिए कोर्ट जाती है. वह ग्रीक की पौराणिक कथाओं में शामिल राजकुमारी मेडिया की कहानी को कोली की कहानी के साथ जोड़ते हुए मौजूदा समय के मुताबिक नई कहानी लिखना चाहती हैं.

सुनवाई में इस बात पर चर्चा होती है कि सेनेगल में सख्त माहौल में पली-बढ़ी लॉरेंस को यूरोप में नस्लवाद का अनुभव कैसे हुआ और वह काफी तेजी से कैसे अलग-थलग पड़ गई. इस फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि एक गर्भवती लेखक किस तरह से अपने परिवार के बीते कल का सामना करती है और आने वाले समय में एक मां की भूमिका निभाती है.

‘बोन्स एंड ऑल': खुद की तलाश में नरभक्षी

Filmszene BONES AND ALL
तस्वीर: MGM/Everett Collection/picture alliance

यह फिल्म बिल्कुल ही अलग तरह की है, जो अमेरिकी लेखक केमिली डी एंजेलिस की यंग एडल्ट किताब पर आधारित है. टेलर रसेल ने इस फिल्म में मुख्य किरदार मारेन येर्ली की भूमिका निभाई है. यह किरदार खुद की और अपने उस पिता की तलाश में है जिससे वह कभी खुद नहीं मिली. वह यह जानना और समझना चाहती है कि वह उन लोगों को मारकर क्यों खाना चाहती है जिससे वह प्यार करती है. यह नरभक्षी हॉरर फिल्म है, जिसमें टीन लव भी शामिल है. इटालियन निर्देशक लुका गिआडागिनो ने इसे निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म देखने के दौरान शरीर के रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

‘अदर्स पीपुल्स चिल्ड्रेन': 40 की उम्र में एक महिला का जीवन

बेल्जियम की अभिनेत्री वर्जिनी एफिरा ने इसमें 40 के दशक की उम्र वाली महिला शिक्षक का किरदार निभाया है. महिला को इस उम्र में एक आदमी से प्यार होता है और वह उसकी चार साल की बेटी की देखभाल करने लगती है.

फिल्म का निर्देशन फ्रांसीसी निर्देशक और पटकथा लेखक रेबेका ज्लॉटोव्स्की ने किया है. उन्होंने इस फिल्म में महिला के अंदरूनी संघर्षों, जैसे कि इस उम्र में खुद का बच्चा पैदा करने की इच्छा और बाहरी संघर्षों, जैसे कि बच्चे की जैविक मां से जुड़े तर्क को दिखाया है. 

यहां ऊपर बताई गई महिलाओं से जुड़ी सभी कहानियां, महिलाओं से जुड़े उन दृष्टिकोण को दिखाती हैं जिन्हें सिनेमा जगत के इतिहास में पहले नहीं दिखाया गया है. वेनिस में आयोजित 79वें फिल्म फेस्टिवल में 23 फिल्में गोल्डन लॉयन की दौड़ में शामिल हैं. इनमें से पांच फिल्मों को महिलाओं ने निर्देशित किया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि यहां पेश की गई फिल्मों में से कौन सी फिल्म शीर्ष पर पहुंचती है.

(यूलिया हितज, निकोलस फिशर)