दक्षिण कोरिया में पहली मुलाकात में उम्र क्यों पूछते हैं लोग
२३ दिसम्बर २०२२दक्षिण कोरिया में लोग एक-दूसरे की उम्र की जानकारी पाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं. इसकी वजह यह है कि यहां उम्र के हिसाब से किसी के साथ बातचीत करने का सलीका बदल जाता है. उम्र की गिनती करने के लिए यहां तीन अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं.
दक्षिण कोरिया के पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार, दक्षिण कोरियाई लोगों को जन्म के समय एक वर्ष का माना जाता है. साथ ही, नये साल के दिन सामूहिक रूप से उनकी उम्र एक वर्ष और बढ़ जाती है, भले ही उनका जन्मदिन कुछ भी हो. सामान्य शब्दों में कहें, तो अगर किसी बच्चे का जन्म 30 दिसंबर को होता है, तो उसकी उम्र उसी दिन एक वर्ष हो जाएगी. इसके दो दिन बाद 1 जनवरी को उसकी उम्र एक वर्ष और बढ़ जाती है.
इसके अलावा, पारंपरिक रूप से उम्र की गिनती का एक तरीका यह भी है कि जन्म के समय बच्चे की उम्र शून्य वर्ष मानी जाती है, लेकिन नये वर्ष पर उसकी उम्र में एक साल जुड़ जाता है. दूसरे शब्दों में कहें, तो 31 दिसंबर को जन्म लेने वाला बच्चा एक दिन बाद ही एक साल का हो जाता है. इसे ‘कैलेंडर वर्ष' तरीका कहा जाता है.
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कानूनी और अन्य कागजी मकसद से, दक्षिण कोरियाई लोगों ने उम्र की गिनती के लिए 1962 से अंतर्राष्ट्रीय आयु प्रणाली का इस्तेमाल शुरू किया. यह उम्र की गिनती करने का तीसरा तरीका है. हालांकि, जब शराब पीने, धूम्रपान करने या सेना में भर्ती होने के लिए कानूनी उम्र बताने की जरूरत होती है, तो वे ‘कैलेंडर वर्ष' तरीके का इस्तेमाल करते हैं. इसके तहत, मौजूदा वर्ष से जन्म के वर्ष को घटाकर उम्र की गिनती की जाती है.
अलग-अलग तरीके से उम्र की गिनती करने पर भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसा हाल में हुआ भी. कोरोना वायरस महामारी के दौरान टीका लगाने के लिए उम्र तय करने के दौरान कई बातें अस्पष्ट दिखीं.
इन सब के बीच अधिकारियों को उम्मीद है कि अनिश्चितता के ये बादल जून 2023 में छंट जाएंगे, क्योंकि इसके बाद देश में आधिकारिक दस्तावेजों पर सिर्फ अंतरराष्ट्रीय आयु प्रणाली के मुताबिक जानकारी दर्ज की जाएगी.
कई लोगों ने इस बदलाव का समर्थन किया है. उन्हें खुशी है कि अचानक से उनकी उम्र एक या दो साल कम हो जाएगी. वहीं कई लोगों को इस बात से ज्यादा राहत मिली है कि अब असमंजस की स्थिति खत्म हो जाएगी.
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दक्षिण कोरिया के सोफी चोई ने डीडब्ल्यू को बताया, "कोरिया में उम्र गिनने का पुराना तरीका कोरियाई लोगों के लिए भी पेचीदा और भ्रमित करने वाला है.”
कई लोगों के लिए उम्र महज संख्या हो सकती है, लेकिन दक्षिण कोरिया में इसे हल्के में नहीं लिया जाता.
आपकी उम्र क्या है?
चोई ने कहा, "जब हम पहली बार किसी से मिलते हैं, तो हमारा पहला सवाल ये होता है कि आपका जन्म किस वर्ष में हुआ था. उम्र के आधार पर लोगों से बातचीत करने का लहजा बदल जाता है.”
थाई महिला पिम्पोन पार्क की शादी कोरियाई परिवार में हुई है और वह सियोल में रहती हैं. उनका मानना है कि उम्र के मुताबिक बातचीत और संबंधों का सिलसिला खेलने की उम्र से ही शुरू होता है.
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उन्होंने कहा, "मैंने एक बार अपनी बेटी को अपने 'दोस्त' के साथ खेलने जाने के लिए कहा था, लेकिन मेरी सास ने मुझे यह कहा कि वह बच्चा वास्तव में उससे बड़ा है. वह ‘दोस्त' नहीं बल्कि ‘सीनियर' है.”
दक्षिण कोरिया में उम्र में एक साल या उससे कम का अंतर भी काफी मायने रखता है. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में कोरियाई भाषा विज्ञान की प्रोफेसर जियुन कियार ने डॉयचे वेले से कहा, "जुड़वा बच्चों में भी यह तय होता है कि कौन बड़ा है और कौन छोटा.”
मौजूदा समय में, कोरिया में उम्र पर आधारित सामाजिक संबंध कन्फ्यूशियस के उपदेशों की एक विरासत है जिसमें बड़े लोगों के सम्मान पर जोर दिया जाता है.
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर रॉबर्ट फाउजर के मुताबिक, युवाओं से यह उम्मीद की जाती है कि वे बुजुर्गों का सम्मान करेंगे.
भाषा से भी पता चलता है बड़े-छोटे का अंतर
उम्र से यह भी निर्धारित होता है कि कोरियाई लोगों को अपनी बात कहने और किसी काम को करने के दौरान कितना विनम्र होना चाहिए. कियार ने कहा, "आप सामान्य तरीके से यह भी नहीं कह सकते कि बारिश हो रही है. कोरियाई संस्कृति में बातचीत के दौरान हर वाक्य से यह पता चलता है कि आप बड़े, छोटे या किसी व्यक्ति के बराबर की उम्र के हैं.”
कोरियाई संस्कृति में मुख्य तौर पर दो तरह से अपनी बातें कही जाती हैं. इसमें एक है ‘बनमाल', जिसमें आम तौर पर परिवार, करीबी दोस्तों और छोटे व्यक्ति के साथ सामान्य लहजे में बातचीत की जाती है. दूसरा है ‘जोंडामाल', जिसमें अजनबियों, सहकर्मियों या बड़े व्यक्ति के साथ सम्मानजनक लहजे में बातचीत की जाती है.
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खास बात यह भी है कि किसी एक व्यक्ति के साथ दोनों लहजों में बातचीत नहीं की जा सकती.
कियार कहती हैं, "बच्चे अपने माता-पिता के साथ निजी तौर पर बनमाल का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन किसी पड़ोसी या अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में वे सम्मानजनक लहजे में माता-पिता से बात करेंगे.” कियार की प्रकाशित होने वाली किताब ‘द लैंग्वेज ऑफ हालीयू: मोर दैन पोलाइट' में इस विषय पर ज्यादा जानकारी शामिल की गई है.
वरिष्ठता के क्रम को समझना
दक्षिण कोरिया में आम तौर पर उम्र से यह निर्धारित होता है कि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से किस तरह बातचीत करेगा. हालांकि, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और ऑफिस में मिले पद भी बातचीत के लहजे को प्रभावित करते हैं.
कियार कहती हैं, "दूसरे समाज और देशों से आकर कोरिया में रहने वाले लोगों को कोरियाई समाज में घुलना-मिलना मुश्किल लगता है, क्योंकि वे व वरिष्ठता क्रम में खुद को ढाल नहीं पाते.”
वह आगे कहती हैं, "दो लोगों के बीच के संबंधों का आकलन और पुनर्मूल्यांकन लगातार होता रहता है. उनकी सामाजिक-आर्थिक हैसियत और लगाव में बदलाव की वजह से बातचीत का लहजा बदल सकता है.”
पार्क के मुताबिक, सही भाषा शैली का चुनाव करना नाजुक मसला है. किसी से बातचीत के दौरान काफी सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि उसका अपमान ना हो.
32 वर्षीय पार्क कहती हैं, "मैं हमेशा दोराहे पर और दुविधा में होती हूं, इसलिए परेशानी से बचने के लिए सिर्फ अपने पति के साथ ही सामान्य लहजे में बातचीत करती हूं.”
सम्मान की अपेक्षा रखते हैं बुजुर्ग
किसी बड़े व्यक्ति से अनुमति लिए बिना उनसे अनौपचारिक तरीके से बातचीत शुरू करना परेशानी का सबब बन सकता है.
सियोल के रहने वाले 45 वर्षीय ली ने कहा कि जब कई बार अजनबियों ने उनसे सामान्य लहजे में बातचीत की, तो उन्हें काफी बुरा लगा. उन्होंने कहा, "यह अपमानजनक है. मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ. जब भी ऐसा होता है, तो मुझे लड़ना पड़ता है.”
कियार के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में बड़े लोगों के प्रति उचित सम्मान दिखाना ‘बेहद जरूरी' है. जब उन्हें विनम्रता से संबोधित नहीं किया जाता है तो ‘झगड़ा या हिंसा' भी हो सकती है.
सर्विस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच अकसर बनमाल से जुड़े विवादित मुद्दे सामने आते हैं. इस क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं और बुजुर्गों (60 से अधिक आयु के लोग) के बीच विवाद की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं.
कियार ने कहा, "कोरिया में बुजुर्ग पुरुष उचित सम्मान पाने के लिए इतने चिंतित हैं कि उन्होंने बनमाल के इस्तेमाल पर हत्या तक कर दी है.”
क्या दक्षिण कोरियाई हैरारकी में कोई बदलाव होगा
दक्षिण कोरियाई पोलिंग और कंसल्टेंसी फर्म हैंकूक रिसर्च ने जनवरी 2022 में एक अध्ययन किया. इससे पता चलता है कि 71 फीसदी लोगों ने देश में उम्र निर्धारित करने वाली प्रणाली को सरल बनाने और उसमें सुधार करने की पहल का समर्थन किया है. कुछ लोगों को यह भी उम्मीद है कि इससे ‘उम्र के आधार पर वरिष्ठता की संस्कृति की वजह से होने वाले संघर्ष और भ्रम को कम करने में मदद मिलेगी.'
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इन सब के बीच, सबसे ज्यादा आशंका इस बात को लेकर है कि कोरियाई उम्र प्रणाली को खत्म करने से हैरारकी का ‘सख्ती से पालन' संस्कृति पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं.
फाउजर कहते हैं, "लोग वरिष्ठता क्रम को बनाये रखेंगे. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वे उम्र की गिनती के लिए किस तरीके का इस्तेमाल करते हैं.”
चोई का भी मानना है कि ‘दक्षिण कोरिया में वरिष्ठता बनी रहेगी' और अगर इसे पूरी तरह से ठीक करना है, तो ‘सांस्कृतिक तौर पर बड़ा सुधार' करना होगा.
कियार कहती हैं कि पूरी तरह सुधार की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. ऐसे में मौजूदा कदम देश को सही दिशा में ले जा रहा है. इससे यह पता चलता है कि देश इस बारे में सोच रहा है कि कोरियाई इतिहास की कौन सी चीजें उसके मौजूदा समाज के सामने मुश्किल पैदा कर रही हैं.
वह कहती हैं, "कोरिया में भाषा शैली की वजह से होने वाले विवाद से जुड़े गंभीर मामले सामने आते हैं. ऐसे में हम चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठ कर भाषा और समाज के विकसित होने का इंतजार नहीं कर सकते.”