क्या है पैन 2.0
भारत सरकार ने पैन 2.0 परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एक नया पैन कार्ड निकाला जाएगा. जानिए क्या है पैन 2.0 और क्या अलग होगा इसमें.
एक बेहतर पैन कार्ड
सरकार का दावा है कि इस परियोजना का उद्देश्य ताजा तकनीक के इस्तेमाल से पैन सेवाओं को और बेहतर बनाना. इस परियोजना का लक्ष्य है पैन और टैन को जारी करने और उनके प्रबंधन को सरल, कारगर और आधुनिक बनाना.
सभी सेवाएं एक जगह
पैन 2.0 के जरिए पैन और टैन से जुड़ी सभी सेवाएं एक जगह ला दी जाएंगी. इस समय पैन सेवाएं तीन अलग अलग पोर्टलों पर हैं. नई परियोजना के तहत सभी सेवाएं आयकर विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध करा दी जाएंगी. इनमें पैन और टैन के लिए आवेदन करना, जानकारी अपडेट करना, सुधार करना, आधार-पैन जोड़ना, पैन फिर से जारी करने का अनुरोध करना और पैन का ऑनलाइन प्रमाण देने जैसी सेवाएं शामिल हैं.
सारी सेवाएं ऑनलाइन
सारी सेवाएं ऑनलाइन होने से सभी प्रक्रियाएं पेपरलेस और ईको-फ्रेंडली हो जाएंगी. इसके अलावा यह नया ई-पैन कार्ड निशुल्क जारी किया जाएगा. फिजिकल पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा और 50 रुपए शुल्क देना होगा. भारत से बाहर पैन कार्ड पाने के लिए अतिरिक्त 15 रुपए और डाक का खर्च देने होंगे.
डाटा सुरक्षा
निजी डाटा बेहतर सुरक्षा इंतजाम की मदद से सुरक्षित रखा जाएगा. हालांकि, इसके बारे में सरकार ने विस्तार से जानकारी नहीं दी है. इसके अलावा उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब और समस्याओं के समाधान के लिए कॉल सेंटर भी खोला जाएगा.
मौजूदा पैन धारकों का क्या होगा?
सरकार का कहना है कि जिनके पास पहले से पैन कार्ड है उन्हें नए पैन के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. पुराना पैन रखने वाले लोग नई प्रणाली के तहत सेवाओं का लाभ कैसे उठा पाएंगे, यह जानकारी अभी सरकार ने नहीं दी है.
नया क्यूआर कोड
वैसे तो 2017-18 से ही पैन कार्ड क्यूआर कोड के साथ जारी किए जा रहे हैं, पैन 2.0 में क्यूआर कोड डायनेमिक होगा. इसका मतलब है यह पैन डाटाबेस में मौजूद सबसे ताजा डाटा दिखाएगा. जिन पैन धारकों के पास बिना क्यूआर कोड वाला पुराना पैन कार्ड है, उन्हें नए कार्ड के लिए आवेदन करना होगा.