1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारतीय रेल की भी अपनी सेना है

चारु कार्तिकेय
६ जून २०२२

रेलवेज टेरीटोरियल आर्मी का गठन 1949 में हुआ था और इसने 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा भी लिया था. अब इसके छह में से पांच यूनिटों को भंग किया जा रहा है.

https://p.dw.com/p/4CJdi
Indien Assam Barak-Tal und Hafflong | Überschwemmungen
तस्वीर: Prabhakar Mani Tewari/DW

रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स की छह इकाइयों में से पांच को भंग कर दिया जाएगा. इस सेवा को रेलवेज टेरीटोरियल सेना के भी नाम से भी जाना जाता है. मंत्रालय का कहना है कि समीक्षा के बाद पाया गया है कि इन इकाइयों की अब आवश्यकता नहीं है.

सिर्फ एक यूनिट को बरकरार रखने के आदेश जारी किए गए हैं. संभव है कि आने वाले दिनों में भी इसे भी भंग कर भारतीय रेल की अपनी सेना को पूरी तरह से ही भंग कर दिया जाए.

क्या है रेल सेना

रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स टेरीटोरियल आर्मी का एक अंग है जो भारतीय सेना की एक वॉलंटियर रिजर्व फोर्स है. टेरीटोरियल आर्मी में पूर्णकालिक सैनिक नहीं होते है बल्कि इसमें ऐसे लोग वॉलंटरी आधार पर शामिल होते हैं जो पहले से ही किसी ना किसी पेशे से जुड़े होते हैं.

टेरीटोरियल आर्मी
रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स टेरीटोरियल आर्मी का एक अंग है जो भारतीय सेना की एक वॉलंटियर रिजर्व फोर्स हैतस्वीर: Satyajit Shaw/DW

अमूमन ऐसे लोग टेरीटोरियल आर्मी में शामिल हो कर हर साल दो से तीन महीने अपनी सेवाएं देते हैं ताकि युद्ध या किसी राष्ट्रीय आपदा के समय वो भारतीय सेना की मदद कर सकें. टेरीटोरियल आर्मी के दो तरह के यूनिट होते हैं - विभागीय और गैर विभागीय. रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स टेरीटोरियल आर्मी के छह विभागीय यूनिटों की एक सेवा है.

रेलवे के लिए बनी इस विशेष फोर्स का गठन 1949 में हुआ था. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विशेष रूप से युद्ध के समय रेल सेवाएं निर्बाध और और सुचारू रूप से चलती रहें. इस समय कोटा, चंडीगढ़, हैदराबाद, जमालपुर, झांसी और अद्रा में इस फोर्स के छह रेजिमेंट हैं.

क्यों किया जा रहा है इसे भंग

हर रेजिमेंट में 23 अफसर, 46 जेसीओ और 1,081 दूसरे पदों के कर्मी होते हैं. सभी रेजीमेंटों के कर्मियों के वेतन और हर तरह के खर्च को रेल मंत्रालय ही उठाता है. 2019-20 में इन रेजीमेंटों के वेतन, सामान, हथियार और गोला बारूद, प्रशिक्षण आदि जैसे मद मिला कर कुल 14.28 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

भारतीय रेल
रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स की छह में से पांच इकाइयों को भंग किया जा रहा हैतस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS

रेल मंत्रालय ने 2019-20 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में लिखा था कि रेलवे इंजीनियर्स रेजिमेंट्स की यह प्रणाली सुचारु रूप से चल रही है. लेकिन अब मंत्रालय ने कहा है कि ताजा समीक्षा में पाया गया है कि इन रेजिमेंटों की अब आवश्यकता नहीं है और अब इन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए.

फिलहाल सिर्फ जमालपुर वाले रेजिमेंट को छोड़ कर बाकी पांच को भंग कर दिया जाएगा. जमालपुर रेजिमेंट की उपयोगिता की भविष्य में फिर से समीक्षा की जाएगी.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी