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नॉर्ड स्ट्रीम धमाके में यूक्रेन समर्थक गुट पर शक

८ मार्च २०२३

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में धमाके के लिए यूक्रेन समर्थक ग्रुप पर शक जताया गया है. इस मामले में जर्मन मीडिया में भी नई जानकारियां सामने आ रही हैं.

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तस्वीर: Danish Defence Command/dpa/picture alliance

अमेरिकी खुफिया अधिकारियों की समीक्षा के आधार पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह रिपोर्ट छापी है. रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में रूस और जर्मनी को जोड़ने वाली नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में धमाके एक यूक्रेन समर्थक गुट ने किये. रिपोर्ट में यूक्रेन सरकार के इसमें शामिल होने का जिक्र नहीं किया गया है. रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है जब रूस और यूक्रेन का युद्ध दूसरे साल में प्रवेश कर चुका है. हाल के दिनों में यूक्रेन पश्चिमी साझेदारों से अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई बढ़ाने की अपील कर रहा है.

बार-बार झगड़े में क्यों फंसती है नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन

बीते साल सितंबर में बाल्टिक सागर के भीतर से गुजरते हुए रूस से यूरोप तक नेचुरल गैस पहुंचाने वाली नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में धमाके हुए. धमाके इतने ताकतवर थे कि पाइपलाइनें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. पश्चिमी देशओं का मानना है कि धमाके जानबूझ कर किए गए. इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच चल रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद रूस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. रूस का कहना है कि वह भी जांच में शामिल होना चाहता है.

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन को हुआ नुकसान
नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन को हुआ नुकसानतस्वीर: Trond Larsen/Expressen/TT/picture alliance

जर्मन मीडिया में भी ऐसी ही खबरें

जर्मनी के सरकारी प्रसारक एआरडी और अखबार डी त्साइट ने भी मंगलवार को नॉर्ड स्ट्रीम धमाकों से जुड़ी खबरें छापी हैं. इन रिपोर्टों के मुताबिक, पांच पुरुषों और एक महिला ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए, पोलैंड की एक कंपनी से यॉट किराये पर ली. कंपनी का मालिक एक यूक्रेनी नागरिक है. नाव किराये पर लेने वालों की राष्ट्रीयता की पहचान अभी नहीं हो सकी है.

जर्मनी ने इस बात की पुष्टि की है कि उसके जांचकर्ताओं ने जनवरी में एक जहाज पर छापा मारा. शक है कि इसी जहाज के जरिए पाइपलाइनों को उड़ाने वाले विस्फोटक ट्रांसपोर्ट किए गए. जर्मनी के सरकारी अभियोजक का कहना है कि अभी इतनी जानकारी नहीं मिल सकी है कि साजिशकर्ताओं और उनकी मंशा का पता चल सकें.

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन रिसाव के लिये आखिर कौन जिम्मेदार

इस बीच पश्चिमी देशों ने मीडिया में आई इन रिपोर्टों के आधार पर किसी नतीजे तक पहुंचने के बचने को कहा है. खुद जर्मनी का कहना है कि यह ऑपरेशन यूक्रेन को फंसाने के लिए भी किया गया हो सकता है. स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक सम्मेलन के दौरान नाटो के महासचिव येंस स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, "हम यह जानते हैं कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों पर हमला हुआ, लेकिन हम अब तक यह नहीं समझ पाए हैं कि इसके पीछे कौन था. नेशनल इंवेस्टीगेशंस चल रहे हैं और मुझे लगता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है, इस पर कुछ कहने से पहले हम इंतजार करें."

रूस से जर्मनी तक आने वाली नॉर्ड स्ट्रीम वन और टू
रूस से जर्मनी तक आने वाली नॉर्ड स्ट्रीम वन और टू

यूक्रेन की प्रतिक्रिया

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की या यूक्रेन के किसी अन्य सरकारी अधिकारी की इसमें भूमिका के कोई सबूत नहीं मिले हैं. अखबार का कहना है, खुफिया जानकारी का रिव्यू करने वाले अधिकारियों ने कहा कि हमला करने वाले "रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी हैं." लेकिन ग्रुप के मेंबरों की जानकारी नहीं दी गई और यह भी पता नहीं है कि हमले का निर्देश किसने दिया या ऑपरेशन के लिए पैसा कहां से आया.

स्टॉकहोम में यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने भी मीडिया रिपोर्टों को "अजीब सा" करार देते हुए यूक्रेन सरकारी की भूमिका से साफ इनकार किया है. यूक्रेनी रक्षा मंत्री के मुताबिक उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि मीडिया रिपोर्ट्स से यूक्रेन के प्रति समर्थन में कमी आएगी.

ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)