सोते हुए दानव पर सैर सपाटा
निकारागुआ का केरो नेग्रो ज्वालामुखी पर्यटकों की चहेती जगह बन गया है. पिछले कुछ समय से यहां आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पर्यटन उद्योग भी इसका फायदा उठा रहा है.
ज्वालामुखी पर चढ़ाई
केरो नेग्रो की ऊंचाई लगभग 728 मीटर है और चोटी तक पहुंचने में करीब एक घंटा लगता है. यानी यह काफी मेहनत का काम है.
हसीन नजारा
मेहनत का फल बहुत सुंदर होता है. ऊपर चोटी से हसीन नजारा दिखता है. और फिर उतरने का मजा तो है ही.
सुरक्षा पहले
उतार से पहले बोर्डर्स को सुरक्षा उपकरण पहनाए जाते हैं ताकि उन्हें किसी तरह का नुकसान ना हो. ज्वालामुखी की गर्म और सख्त सतह खतरनाक हो सकती है.
और फिर उतराई
केरो नेग्रो से करीब पौना किलोमीटर लंबा नीचे तक का यह रास्ता मुश्किल, रोमांचक और खतरनाक होता है.
थोड़ा सा खर्चा
केरो नेग्रो की इस रोमांचक यात्रा का खर्च बहुत ज्यादा नहीं है. एक व्यक्ति के लिए 30 डॉलर यानी लगभग ढाई हजार रुपये लगते हैं. अगर कोई अपना बोर्ड नहीं उठाना चाहता तो किसी स्थानीय व्यक्ति को इसके लिए किराये पर ले सकता है.
आसमां से ऊंचा
स्थानीय गाइड लेस्टर सेंटेनो को अक्सर इस चोटी पर पहुंचने का सुख मिलता है. वह कहते हैं कि ज्वालामुखी की लोकप्रियता देश के जूझते पर्यटन उद्योग के भाग से छींका टूटने जैसा है.
ऐसा कोई और ज्वालामुखी नहीं
केरो नेग्रो दुनिया का अकेला ऐसा ज्वालामुखी है जहां बोर्डिंग की जा सकती है. राख से ढके इस टीले पर से फिसलते हुए उतरना गजब का अनुभव है.
सोता हुआ दानव
सोता हुआ दानव केरो नेग्रो निकारागुआ के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. अब तक यह 23 बार फट चुका है. पिछली बार इसमें 1995 में विस्फोट हुआ था. विशेषज्ञ कहते हैं कि निकट भविष्य में विस्फोट होना तय है.
नुकसानदायक राख
ज्वालामुखी के आसपास के इलाकों में ज्यादा आबादी नहीं रहती. इसमें से कभी कभी राख निकलती रहती है जो नुकसानदायक होती है.