अमेरिका ने गर्भवती महिलाओं के आने पर लगाई रोक
२४ जनवरी २०२०अमेरिका दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां जन्म लेने पर ही बच्चों को वहां की नागरिकता मिल जाती है. चाहे बच्चे के माता पिता भी देश के क्यों ना हों. अमेरिका और कनाडा दो ही ऐसे विकसित देश हैं जहां पैदा होने से ही बच्चों को देश की नागरिकता मिल जाती है. अपने बच्चों को अमेरिका की नागरिकता देने के लिए दूसरे देशों से लोग बच्चे पैदा करने के लिए अमेरिका जाते हैं, जिसे "बर्थ टूरिज्म" कहा जाता है. लेकिन अब अमेरिका आकर बच्चे पैदा करना आसान नहीं होगा. गर्भवती महिलाओं को अमेरिकी प्रशासन टूरिस्ट वीजा या चिकित्सा वीजा जारी नहीं करेगा. ट्रंप सरकार का यह नियम 24 जनवरी से लागू हो गया है.
हालांकि वे लोग जो इलाज करवाने अमेरिका जाते हैं उन पर यह नियम लागू नहीं होगा. वहीं गर्भवती महिलाओं को अमेरिका की यात्रा करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से मिलकर कोई दूसरा ठोस कारण बताना होगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने बयान जारी कर कहा, "अमेरिका में जो लोग गलत तरीके से आते हैं, उसे बंद करने के लिए नए नियम को लागू किया गया है. अमेरिकी नागरिकता की अखंडता को बरकरार रखना जरूरी है." नवंबर 2019 में एक जापानी महिला ने शिकायत की थी कि अमेरिकी एयरलाइंस ने उसे जबरदस्ती प्रेगनेंसी टेस्ट लेने के लिए कहा जब वह अपने माता पिता के पास अमेरिका जा रही थी. यह महिला अमेरिका के साइपन द्वीप जा रही थी जिसे बर्थ टूरिज्म का "गढ़" कहा जाता है.
यह नया नियम खास तौर पर रूस और चीन जैसे देशों के धनी परिवारों पर असर डालेगा. इन परिवारों की महिलाएं अपने बच्चों के लिए अमेरिकी पासपोर्ट पाने की ख्वाहिश में यहां आती हैं. चीन की सरकार के दो बच्चों की नीति से परे जो लोग ज्यादा बच्चे चाहते हैं वे बच्चा पैदा करने के लिए अमेरिका जाते हैं, जिससे उनके बच्चों अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है.
मेक्सिको अमेरिकी सीमा पर असर
वीजा प्रतिबंध का असर मेक्सिको की सीमा से अमेरिका जाने वाली गर्भवती महिलाओं पर पड़ेना शुरू हो गया है. पहले गर्भवती महिलाओं को सीमा पर "कमजोर" समूह का हिस्सा माना जाता था. इन्हें भी छोटे बच्चों के साथ आमतौर पर बिना किसी मुद्दे के सीमा पार करने की अनुमति दी जाती थी. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद सीमा पर मौजूद अधिकारियों ने नियम लागू होने से पहले ही गर्भवती महिलाओं को हटाना शुरू कर दिया.
"बर्थ टूरिज्म" पर लगाम लगाने वाले कानून को लागू करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है.
अमेरिकी संविधान में प्रावधान है कि कोई विदेशी महिला अगर वहां बच्चे को जन्म देती है तो बच्चे को अमेरिका की नागरिकता अपने आप मिल जाती है. अमेरिका के संविधान में 1968 में दास प्रथा को खत्म करते हुए दासों को नागरिकता देने के लिए 14वें संशोधन के जरिए इस कानून को जोड़ा गया था. डॉनाल्ड ट्रंप जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने की वकालत करते रहे हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि यह इतना आसान नहीं होगा.
एसबी/आईबी (एपी, एएफपी)
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