क्या भारत घूमने आना इतना खतरनाक है
नई अमेरिकी एडवाइजरी में केवल कोरोना ही नहीं, अपराध और आतंकवाद के कारण भी भारत को कहीं ज्यादा खतरनाक बताया गया है. होटल कारोबारियों का मानना है कि भारत को सीरिया, इराक और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ रखना ठीक नहीं है.
लेवल 4 के मायने
अगस्त में जारी अपनी नई ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिका ने भारत के अलावा सीरिया, इराक, यमन और पाकिस्तान के साथ भारत को भी लेवल 4 में रखा है. अमेरिकी सूची में लेवल 4 का मतलब है सबसे ज्यादा खतरनाक ठिकाने जहां जाने से पर्यटकों को सबसे ज्यादा बचने की सलाह दी जाती है.
कोरोना काल में व्यवस्था
फिलहाल भारत ने अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के साथ 'एयर ट्रांसपोर्ट बबल' स्थापित कर लिया है. भारत के अलावा इस बबल में शामिल देशों के विमान भी भारत आ सकते हैं और बाहर जा सकते हैं. कनाडा, ब्रिटेन और यूएई के साथ भी भारत ने विशेष यात्रा इंतजाम किए हैं.
'एयर बबल' का फायदा नहीं
ऐसे बबल का फायदा उन देशों को मिल सकता है जहां एक तो कोरोना महामारी पर काबू पा लिया गया हो और दूसरे जिनकी सीमाएं दूसरे देशों के लिए खुली ना हों. भारत और अमेरिका दोनों के साथ ऐसा नहीं है. ना तो यहां महामारी अभी मिटी है और ना ही भारत ने ऐसा बबल केवल अमेरिका के साथ बनाया है.
अमेरिकी एडवाइजरी में और परेशानियों का जिक्र
अमेरिका ने भारत में यात्रा को लेकर अपने नागरिकों को चेताया है कि यहां उन्हें सीमाएं सील होने, एयरपोर्ट बंद होने, आंशिक लॉकडाउन, बिजनेस बंद होने और कोरोना के कारण पैदा हुई किसी आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
भारतीय टूरिज्म सेक्टर की आपत्ति
भारत में यात्रा, पर्यटन और होटल उद्योग के एक संयुक्त संगठन, फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ) ने हाल ही में बयान जारी कर कहा है कि हवाई यात्रा मार्गों के खुलने की शुरुआत होते ही अमेरिका की ऐसी सलाह भारत में टूरिज्म सेक्टर से जुड़े कारोबार के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होगा.
अमेरिकी टूरिस्ट की इतनी परवाह क्यों
भारतीय ट्रैवल एंड टूरिज्म सेक्टर के लिए अमेरिकी पर्यटक काफी अहमियत रखते हैं. कारण यह है कि एक तो वे बाकी तमाम देशों के नागरिकों के मुकाबले कहीं ज्यादा लंबे समय तक भारत में रहते हैं. ज्यादातर अमेरिकी यात्री औसतन 29 दिन से भी ज्यादा लंबा समय भारत में बिताते हैं जो कि बाकी तमाम विदेशी पर्यटकों से ज्यादा है. और दूसरी बात यह कि अमेरिकी टूरिस्ट बाकियों के बनिस्पत भारत में खर्च भी ज्यादा करते हैं.
खराब धारणा बनाने वाला
भारतीय टूरिज्म कारोबारियों को यमन, सीरिया, पाकिस्तान और इराक जैसे देशों के साथ एक ही श्रेणी में डाला जाना भी नागवार गुजरा है. उनका मानना है कि इससे देश के बारे में एक तरह की नकारात्मक धारणा बनती है जो कि पहले से ही संघर्ष कर रहे हॉस्पीटैलिटी सेक्टर के लिए काफी बुरा साबित हो सकता है.
कोरोना ही नहीं अपराध, आतंकवाद पर भी चिंता
मार्च में कोरोना के मद्देनजर अमेरिका ने सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को लेवल 4 में डाला था लेकिन अगस्त में इसे बदलते हुए उसने सभी देशों को लेवल 1 से लेकर 4 तक में बांटा. लेवल 4 वाले देश सबसे ज्यादा खतरनाक बताए गए और इसमें भारत और चीन समेत 50 देश रखे गए हैं. अमेरिकी एडवाइजरी में केवल कोरोना ही नहीं, अपराध और आतंकवाद के कारण भी भारत को कहीं ज्यादा खतरनाक बताया गया है.