1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

यूएन: अफगानिस्तान पर 'भीषण मानवीय संकट' का खतरा

२ सितम्बर २०२१

यूएन महासचिव ने अफगानिस्तान के सामने गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि देश में बुनियादी सेवाओं के पूरी तरह ठप होने का खतरा है. ऐसे में अफगान लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है.

https://p.dw.com/p/3znfV
तस्वीर: Paula Bronstein/Getty Images

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने दुनिया का ध्यान वहां की स्थिति की ओर खींचने की कोशिश की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के देश के कब्जे के कारण "मानवीय तबाही" की चेतावनी दी है और दुनिया भर के देशों से आपात कोष देने की अपील की है. गुटेरेश ने एक बयान में कहा, "देश के सामने गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट" है. उन्होंने अफगानिस्तान में बुनियादी सेवाओं के "पूर्ण" पतन का खतरा जताया है.

अफगान लोगों को हर संभव मदद की जरूरत

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता की अपील करते हुए कहा, "अफगान बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पहले से अधिक समर्थन और सहानुभूति की जरूरत है. मैं सदस्य देशों से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करता हूं. जरूरत की इस घड़ी में अफगानिस्तान को उचित और व्यापक वित्तीय सहायता देने का भी आग्रह करता हूं."

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा तो कर लिया है लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि अफगानिस्तान को वित्तीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील में से केवल 39 प्रतिशत को ही पूरा किया गया है.

गुटेरेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अगले सप्ताह अफगानिस्तान के लिए अधिक विस्तृत अपील जारी करेगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अफगानिस्तान की आधी आबादी को जीवित रहने के लिए तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, "तीन में से एक अफगान को यह नहीं पता कि एक बार भोजन करने के बाद अगला भोजन कहां से आएगा. पांच साल से कम उम्र के लगभग आधे बच्चे अगले साल तक गंभीर रूप से कुपोषित हो सकते हैं."

बढ़ रहा अफगानिस्तान का आर्थिक संकट

गुटेरेश ने कहा, "लोग हर दिन बुनियादी जरूरतों और सेवाओं तक पहुंच खो रहे हैं. एक मानवीय आपदा आ रही है."

गुटेरेश ने कहा कि आने वाले दिनों में भीषण सूखा और भीषण ठंड का मतलब है कि लोगों को अधिक भोजन, आश्रय और चिकित्सा देखभाल की जरूरत होगी, और उन सभी को तेजी से प्रबंधित करना होगा.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपील की, "मैं सभी पक्षों से आग्रह करता हूं कि वे जीवन-रक्षक दवाओं और जीवन-रक्षक वस्तुओं की आपूर्ति के साथ-साथ मानवीय कार्यकर्ताओं, पुरुषों और महिलाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का समर्थन करें."

उन्होंने राहत सामग्री पहुंचाने के लिए काबुल हवाई अड्डे को खाली कराने का काम पूरा होने के बाद भी खुला रखने का आह्वान किया.

एए/वीके (एएफपी, एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें