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समाज

यूएन: महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटना होगा

१६ मार्च २०२१

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर के नेताओं से इस बात की अपील की है कि वह समाज में महिलाओं की समान भागीदारी को और अधिक बढ़ाएं.

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तस्वीर: Daniel Mihaulescu/AFP/Getty Images

एंटोनियो गुटेरेश ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के 65वें सत्र के उदघाटन पर कहा, "कोविड-19 से उबरने की यह अवधि हमारे लिए एक मौका है कि हम पुरुष और महिला दोनों के समान भविष्य के लिए एक रास्ते का निर्धारण करें."

गुटेरेश ने वैश्विक नेताओं से पांच मुख्य बिंदुओं का निर्धारण करने को कहा है- भेदभावपूर्ण कानूनों को निरस्त कर और सकारात्मक उपायों को लागू करते हुए महिलाओं के समान अधिकारों की सुनिश्चितता, कोटा सहित विशेष उपायों के माध्यम से दोनों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, अर्थव्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा की बात को ध्यान में रखते हुए समान वेतन, समान ऋण, समान नौकरी और महत्वपूर्ण निवेश के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक समावेशन को आगे बढ़ाना, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को दूर करने के लिए हर देश में एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना को लागू करना. 

कोरोना काल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में तेज वृद्धि देखने को मिली है. गुटेरेश ने कहा, "महिलाओं की समान भागीदारी एक ऐसा बदलाव है, जिसकी हमें जरूरत है. ऐसे कई उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि महिलाओं की भागीदारी से आर्थिक क्षेत्र, सामाजिक संरक्षण, जलवायु में सुधार आया है."

महिलाओं के खिलाफ हिंसा

सोमवार से न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिलाओं की स्थिति और पूर्ण लैंगिक समानता हासिल करने और निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर संयुक्त राष्ट्र आयोग का 65वां सत्र शुरू हुआ. कोरोना की वजह से सत्र ऑनलाइन हो रहा है.

वहीं गुटेरेश ने कहा कि महामारी के दौरान महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हानिकारक परिणामों का सामना करना पड़ा, जैसे कि नौकरी का जाना, यौन शोषण और बाल विवाह. गुटेरेश के मुताबिक सिर्फ 22 देश में ही महिलाएं सरकार की प्रमुख हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी ने "पुरुषों को निर्णय लेने के लिए हावी होने का और एक मौका दे दिया है."

उन्होंने कहा कि हम हथियारों की खरीद में खरबों खर्च करते हैं जो हमें सुरक्षित बनाने में विफल रहते हैं, जबकि हम लोग महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को नजरअंदाज कर देते हैं. यूएन की ही रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की हर तीन में से एक महिला ने अपने जीवन में यौन हिंसा का सामना किया है.

एए/सीके (एएफपी)

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