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समाज

सिख लड़कियों के कथित धर्मांतरण और शादी पर विरोध

आमिर अंसारी
२९ जून २०२१

कश्मीर में सिख महिलाओं के इस्लाम में 'जबरन' धर्मांतरण कराने के आरोप लग रहे हैं इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रशासन से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa

सोमवार को श्रीनगर में सिख समुदाय और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने सिख लड़कियों के कथित धर्मांतरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. उनका आरोप था कि सिख लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करा दी गई. स्थानीय सिखों ने आरोप लगाया था कि 18 साल की लड़की की जून महीने में श्रीनगर के एक शख्स से जबरन शादी करा दी गई थी.

शनिवार को इस मामले में कोर्ट में लड़की का बयान दर्ज किया गया और कोर्ट के बाहर समुदाय और परिवार ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद लड़की को परिवार के हवाले कर दिया गया.

पिछले हफ्ते ही इस शादी के खिलाफ समुदाय के स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. सोमवार को घाटी से बाहर के लोग वहां पहुंचे और जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के आरोप पर विरोध किया. शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है, "श्रीनगर में पिछले एक महीने के दौरान चार सिख लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया गया है."

अपने बयान में उन्होंने दावा किया कि सिख समुदाय को प्रशासन की तरफ से भरोसा दिया गया है कि जिन लड़कियों का धर्मांतरण करवाया गया है उन्हें परिवारों को वापस लौटाया जाएगा.

केंद्र सरकार से मिला सिख प्रतिनिधिमंडल

मंगलवार को सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर दिल्ली में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के नेता आरपी सिंह भी शामिल थे. पत्रकारों से बात करते हुए रेड्डी ने कहा, "प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार को एक ज्ञापन देने के लिए आया था. कश्मीर में सिख लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन और शादी गलत है और प्रतिनिधिमंडल ने इस पर ज्ञापन सौंपा है. मैं इस पर केंद्रीय गृह मंत्री से चर्चा करूंगा कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए."आरोप है कि दो सिख लड़कियों का श्रीनगर में बंदूक के बल पर अगवा किया गया और उनसे बड़े उम्र के लोगों के साथ निकाह करवाया गया.

शाही इमाम ने क्या कहा

सिरसा ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की थी और मामले में उचित कार्रवाई की मांग की थी. दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के शाही इमाम मुफ्ती नसीर उल इस्लाम ने कहा है कि सिख कश्मीरी समाज का अहम हिस्सा है और किसी को उनकी भावनाओं को ठोस पहुंचाने का अधिकार नहीं है.

शाही इमाम ने एक सिख लड़की के अपहरण की खबरों को परेशान करने वाला बताया और कहा कि दूसरे धर्म में कथित रूप से जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए.

आरोप है कि जिस लड़की का धर्म परिवर्तन किया गया और उसकी शादी उम्रदराज शख्स से कराई गई वह पहले से ही शादीशुदा था. दूसरे मामले में लड़की बालिग थी और उसने कोर्ट को बताया कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है.

बीते दिनों उत्तर प्रदेश एटीएस ने कथित धर्मांतरण करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था और वह मामले की जांच कर रही है कि क्या लोगों का धर्मांतरण प्रलोभन देकर किया गया और क्या या इस कथित रैकेट में और भी लोग शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यह एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है.

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