भारत के दो लोगों को मिला अलटरनेटिव नोबेल पुरस्कार
साल 2021 का राइट लाइवलीहुड अवार्ड जिसे अलटरनेटिव नोबेल पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है, चार लोगों को मिला. अवार्ड जीतने वाले को 10 लाख स्वीडिश क्राउन मिलते हैं. इन चार लोगों में दो भारतीय भी हैं.
ऋत्विक दत्ता और राहुल चौधरी, भारत
लीगल इनिशीएटीव फॉर फॉरेस्ट एंड इनवारनमेंट (LIFE) को भारत के वकील ऋत्विक दत्ता और राहुल चौधरी ने बनाया था. यह संस्था पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में लोगों की मदद करती है. संगठन ने पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले औद्योगिक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों को उसकी जिम्मेदारी लेने पर मजबूर किया है.
मार्थे वांडू, कैमरून
मार्थे वांडू, कैमरून में दशकों से यौन हिंसा के खिलाफ और महिलाओं और बच्चों के अधिकार के लिए लड़ रही हैं. एक गैरसरकारी संगठन की मदद से वो लोगों की मदद करती हैं जो 1998 में शुरू हुआ. उनका संगठन शिक्षा, शोषण से बचाव और पीड़ितों को मनोवैज्ञानिक देखभाल के साथ साथ कानूनी सलाह देता है. अब तक 50,000 से ज्यादा लड़कियों को मदद मिली है.
फ्रेडा ह्यूसन, कनाडा
फ्रेडा ह्यूसन कनाडा के मूल निवासी वेट'सुवेटन की विंग-चीफ हैं. ह्यूसन ने वेट'सुवेटन नाम से एक प्रोटेस्ट कैंप और स्वदेशी उपचार केंद्र बनाया है. यह कैंप घरेलू जमीन पर गैस पाइपलाइन के निर्माण का विरोध करता है. ह्यूसन का अभियान संस्कृति और जीवनशैली के बीच के गहरे संघर्ष का सामना कर रहा है जो कनाडा में सालों से है.
व्लादिमीर स्लीवाक, रूस
व्लादिमीर स्लीवाक रूस के सबसे समर्पित पर्यावरणवादियों में से एक हैं. उन्होंने ईको-डिफेंस नाम से एनजीओ शुरू किया है. स्लीवाक ने प्रदूषण, विशेष रूप से तेल खनन, परमाणु ऊर्जा के उत्पादन और परमाणु कचरे की ढुलाई से लड़ने के लिए जमीनी स्तर पर अभियान में वर्षों बिताए हैं. तेल, गैस और कोयले के निर्यात पर रूस की निर्भरता को देखा जाए तो यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.