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आपदाजर्मनी

जर्मनी में हाईस्पीड ट्रेन की टक्कर से दो कर्मचारियों की मौत

४ मई २०२३

जर्मनी में हाईस्पीड ट्रेन की चपेट में आकर दो कर्मचारियों की मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक वहां रेलवे का काम चल रहा था और मरने वाले लोग काम करने वालों में शामिल थे.

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हाइस्पीड ट्रेन की चपेट में आकर दो रेल कर्मचारियों की मौत
हादसे के बाद सात घंटे तक रेल लाइन बंद रहीतस्वीर: Henning Kaiser/dpa/picture alliance

हादसा नॉर्थराइनवेस्टफालिया के हुर्थ के पास हुआ है. हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे थी. पांच और कर्मचारियों हादसे वाली जगह पर मौजूद थे उन्हें गहरा सदमा लगा है. हालांकि उन्हें कोई शारीरिक क्षति नहीं पहुंची है. उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे. शुरुआती खबरों के मुताबिक ट्रेन रेलकर्मचारियों को रौंदती चली गई. अब तक ये साफ नहीं है कि जिस ट्रैक पर काम चल रहा था वहां से रेल कैसे गुजरी.

जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बान की प्रवक्ता के मुताबिक आईसी 2005 लोअर सैक्सनी राज्य के एमडेन से कोब्लेंज जा रही थी जो कोलोन और बॉन के दक्षिण में है. सुबह करीब 11 बजे ट्रेन ने हुर्थ के पास फिशेनिश गांव में खुली ट्रैक पर कर्मचारियों को रौंद दिया. दो लोगों की तुरंत मौत हो गई. अपुष्ट खबरों में कुछ लोगों के घायल होने की भी बात कही जा रही है. रेललाइन उस वक्त ट्रेन यात्रा के लिए बंद थी.

दो लोगों की मौत हुई कुछ लोग घायल हैं
रेल हादसा देखने वाले कर्मचारी सदमे में हैंतस्वीर: Henning Kaiser/dpa/picture alliance

आपातकालीन मैनेजरों और पुलिस अधिकारियों ने ट्रेन में सवार यात्रियों को संभाला उन्हें काफी देर तक ट्रेन से बाहर नहीं जाने दिया गया.  दोपहर तक पीड़ितों के परिजन और कुछ दूसरे लोग भी वहां पहुंच गये. पुलिस उन्हें जब वहां ले कर गई तो कई लोग रो पड़े. डॉयचे बान की प्रवक्ता ने कहा है, "हादसे के पीड़ितों, घायलों और उनके परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है."

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सात घंटे तक रेल लाइन बंद

रेलवे के मुताबिक ट्रेन में उस वक्त 50 यात्री थे और कई घंटे तक उन्हें ट्रेन में ही बिठाये रखा गया. बाद में उन्हें ट्रेन से निकाल कर बस से आगे ले जाया गया. पीड़ितों के परिजनों की मदद के लिए जल्दी ही वहां काफी लोग पहुंच गये. बड़ी संख्या में पुलिस और दमकल विभाग के कर्मचारी भी वहां पहुंचे. घटनास्थल पर एक हैलीकॉप्टर भी चक्कर लगा रहा था.

हाइस्पीड ट्रेन की खुली ट्रैक पर हुआ हादसा
हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस के साथ राहत और बचावकर्मी जमा हो गयेतस्वीर: Sebastian Klemm/dpa/picture alliance

जांच अधिकारियों ने हादसे के कारणों और सबूतों की खोज शुरू कर दी है. हादसे के बाद ट्रेन के ब्रेक सिस्टम में कोई खराबी आ गई थी. अधिकारियों के मुताबिक यह संभवतया हादसे की वजह से ही हुआ. ट्रेन को दूसरे ईंजन की मदद से खींच कर वहां से ले जाया गया.

हादसे के बाद रेल लाइन करीब सात घंटे के लिए बंद रहा. लंबी दूरी की ट्रेनों में कुछ रद्द कर दी गयीं तो कुछ के रूट बदले गये. नॉर्थ राइवेस्टफालिया प्रांत के मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर दुख और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है. उन्होंने आपातकालीन अधिकारियों और राहतकर्मियों के प्रति आभार भी जताया.

एनआर/एमजे (डीपीए)