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इंग्लिश चैनल में सबसे बड़ा हादसा, 27 लोग डूबे

२५ नवम्बर २०२१

रबर की नौका से इंग्लिश चैनल पार करते हुए 27 प्रवासियों की डूबकर मौत हो गई है. ब्रिटेन और फ्रांस ने इस घटना के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बताया है.

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तस्वीर: Gonzalo Fuentes/REUTERS

बुधवार को रबर की नौका में फ्रांस से ब्रिटेन जाते प्रवासियों में से 27 लोगों की डूब जाने से मौत हो गई है. इंग्लिश चैनल में यह अब तक का सबसे बड़ा हादसा है.

इंग्लिश चैनल फ्रांस और ब्रिटेन को अलग करता है. यह दुनिया के सबसे व्यवस्त समुद्री रास्तों में से एक है और लहरे खतरनाक रूप से विशाल होती हैं. आमतौर पर मानव तस्कर इस रास्ते का प्रयोग लोगों को एक से दूसरे देश में पहुंचाने के लिए करते हैं. लेकिन अक्सर वे नौकाओं में क्षमता से ज्यादा लोग चढ़ा लेते हैं जो हादसे की वजह बनता है.

हादसे पर प्रतिक्रिया में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि उन्हें इस घटना से गहरा आघात लगा है. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी करने वाले गिरोह कत्ल करके बच जाते हैं और फ्रांस को इन लोगों को रोकने के लिए और ज्यादा कोशिशें करनी चाहिए.

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने ब्रिटेन को जवाब देते हुए कहा कि घरेलू मोर्चे पर लाभ के लिए मुद्दे के राजनीतिकरण से परहेज करना चाहिए. फ्रांसीसी गृह मंत्री जेराल्ड दारमानिन ने कहा कि ब्रिटेन की भी जवाबदेही बनती है.

तैरते दिखे शव

इस हादसे के बाद दो प्रवासियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गृह मंत्री के मुताबिक वे हाइपरोथर्मिया से गंभीर रूप से बीमार हैं. इस बीच फ्रांस पुलिस ने चार कथित मानव तस्करों को घटना में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया है. मारे गए लोगों की राष्ट्रीयता का फिलहाल पता नहीं चल पाया है.

स्थानीय मछुआरों के मुताबिक बुधवार को मौसम बहुत ज्यादा ठंडा था लेकिन सामान्य से ज्यादा संख्या में प्रवासी ब्रिटेन के लिए रवाना हो गए क्योंकि समुद्र शांत था. बुधवार को विमोरो के नजदीक प्रवासियों के एक समूह को रबर वाली एक नौका लेकर समुद्र की ओर जाते देखा गया. यही समूह 30 किलोमीटर समुद्र पार कर कई घंटों में दक्षिणी इंग्लैंड के डंजीनेस में उतरता देखा गया.

एक मछुआरे निकोलस मारगोल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने बुधवार सुबह दो नौकाओं को देखा था जिनमें से एक में लोग थे जबकि दूसरी खाली थी. उन्होंने कहा कि 15 लोगों को समुद्र पर तैरते देख उन्हें संदेह हुआ और अधिकारियों को सूचित किया गया. गृह मंत्र दारमानिन ने कहा कि प्रवासी रबर की जिस नौका में सवार थे उसकी हवा निकल गई थी. 

खतरे उठाते लोग

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के दौरान चलाए गए अभियान में ब्रिटिश सीमाओं पर नियंत्रण एक बड़ा मुद्दा था. प्रवासियों की आवाजाही ब्रिटेन और फ्रांस के बीच विवाद की वजह बनती रही है. ब्रिटेन इल्जाम लगाता रहा है कि हजारों प्रवासी उनके तटों से दूसरे देशों की ओर जाते हैं और फ्रांसीसी अधिकारी खड़े देखते रहते हैं.

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूरोपीय सीमा बल फ्रंटेक्स को बाहरी सीमाओं की रक्षा के लिए अतिरिक्त धन मिलना चाहिए ताकि प्रवासियों को फ्रांस के उत्तरी तटों पर जमा होने से रोका जा सके. माक्रों ने कहा, "फ्रांस चैनल को कब्रगाह नहीं बनने देगा.”

इंग्लिश चैनल में पहले भी बड़े हादसे होते रहे हैं. इसी साल हुए एक हादसे में 14 प्रवासी मारे गए थे. उससे पहले 2020 में कुल सात लोगों की मौत हुई थी जबकि दो लापता हो गए थे. 2019 में भी चार प्रवासियों की इसी रास्ते से फ्रांस से ब्रिटेन में घुसने की कोशिश में मौत हो गई थी.

फ्रांसीसी पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों को चैनल पार करने से रोका है लेकिन तब भी सभी प्रवासियों को रोकने में कामयाब नहीं हो पाए हैं. कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा सख्त निगरानी के कारण प्रवासी अब ज्यादा बड़े खतरे उठा रहे हैं.

प्रवासियों के लिए काम करने वाली संस्था आईडीएम ने कहा, "सिर्फ तस्करों पर इल्जाम लगाना फ्रांसीसी और ब्रिटिश अधिकारियों की जिम्मेदारी को छिपाने जैसा है.”

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)