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स्वास्थ्यतुर्की

सस्ती कॉस्मेटिक सर्जरी कराने तुर्की जा रहे विदेशी पर्यटक

एलमस टॉपचू | आयनुर टेकिन
२३ फ़रवरी २०२४

तुर्की में अब और भी ज्यादा विदेशी नागरिक नाक की सर्जरी, हेयर ट्रांसप्लांट और ऐसी ही दूसरी प्रक्रियाएं कराने के लिए पहुंच रहे हैं. वहां इनका खर्च कम है, जानिए इसके कैसे खतरे हो सकते हैं?

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कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं के लिए बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक तुर्की जा रहे हैं.
तुर्की में चिकित्सा पर्यटन काफी तरक्की कर रहा है. तस्वीर: YAY Images/IMAGO

"मैं 13 साल की उम्र से ही अपनी नाक की सर्जरी कराना चाहती थी. मैंने सुना था कि तुर्की के डॉक्टर इस काम में अच्छे हैं. मेरी कुछ सहेलियों ने भी ऐसी सर्जरी कराई थी और वे उनसे संतुष्ट थीं. इसलिए मैंने भी तुर्की जाकर नाक की कॉस्मेटिक सर्जरी कराने का फैसला किया."

यह कहना है 28 साल की बेनिता पलोजा का. वह अमेरिका में रहती हैं, फाइनेंस फील्ड में काम करती हैं और पार्ट-टाइम मॉडल हैं. पलोजा बताती हैं कि उन्हें सिर्फ पांच हजार डॉलर खर्च करने पड़े और एक हफ्ते बाद वह वापस अमेरिका लौट आईं.

वह अपनी सर्जरी से खुश हैं. पलोजा बताती हैं कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और उन्हें मॉडलिंग के भी ज्यादा काम मिल रहे हैं. वह बड़े उत्साह से याद करती हैं कि तुर्की के क्लीनिक में उनका कितना ध्यान रखा गया था. वह बताती हैं, "यही सर्जरी अमेरिका में कराने पर मुझे 30 हजार डॉलर खर्च करने पड़ते, लेकिन फिर भी मेरा उतना ध्यान नहीं रखा जाता, जितना तुर्की में रखा गया.”

तुर्की में कोरोना महामारी के बाद से ही मेडिकल टूरिज्म में उछाल देखा गया है. तुर्की की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा एजेंसी के मुताबिक, वहां 2021 में लगभग सात लाख विदेशी नागरिक इलाज के लिए पहुंचे थे. एक साल बाद 88 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ यह आंकड़ा साढ़े 12 लाख पर पहुंच गया. 2023 के शुरुआती छह महीनों में भी यह संख्या काफी ज्यादा रही.

अमेरिका की बेनिता पलोजा ने तुर्की में नाक की सर्जरी कराई.
बेनिता पलोजा अपनी नाक की सर्जरी के नतीजों से बहुत खुश हैं. तस्वीर: privat

इस अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय से तुर्की के स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों की काफी आमदनी हो रही है. साल 2022 में यह आय दो अरब डॉलर से ज्यादा थी. हालांकि, 2023 के शुरुआती छह महीनों में इसमें थोड़ी गिरावट आई. विशेषज्ञ फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप को इसकी वजह मान रहे हैं. इस भूकंप में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.

तुर्की जाने में जर्मन सबसे आगे

2022 में इलाज के लिए तुर्की जाने वाले विदेशियों में सबसे ज्यादा जर्मन नागरिक थे. उनके बाद सबसे ज्यादा संख्या ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के नागरिकों की है. इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी ने यह जानकारी दी है.

तुर्की जाने वाले विदेशियों में बिना सर्जरी वाली सबसे लोकप्रिय प्रक्रिया बोटोक्स और हायलोरॉनिक एसिड ट्रीटमेंट है, जो चेहरे की झुर्रियों को कम करने के लिए किया जाता है. सर्जरी वाली तीन सबसे लोकप्रिय प्रक्रियाओं में लिपोसक्शन, राइनोप्लास्टी और ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन शामिल थे.

लिपोस्कशन के जरिए शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी हटाई जाती है. राइनोप्लास्टी के जरिए नाक का आकार बदला जाता है. वहीं, ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन के जरिए स्तनों के आकार में बदलाव किया जाता है. पैर लंबे करने की सर्जरी के लिए भी तुर्की आकर्षक विकल्प बन चुका है. खासकर पश्चिम के उन पुरुषों के लिए, जो अपनी लंबाई बढ़ाना चाहते हैं.

यह सर्जरी करवाने वालों में 31 साल के केविन (बदला हुआ नाम) भी शामिल हैं. अमेरिकी नागरिक केविन अपनी लंबाई से संतुष्ट नहीं थे. सर्जरी के बाद उनकी लंबाई 12 सेंटीमीटर बढ़ गई. अब उनकी लंबाई छह फीट से थोड़ी ज्यादा है.

केविन अब पहले से ज्यादा बेहतर महसूस करते हैं. वह कहते हैं, "यह प्रक्रिया बहुत दर्दनाक थी और ठीक होने में बहुत ज्यादा समय लगा. फिर भी यह सर्जरी इसके लायक थी. अब मुझे दूसरों से ज्यादा इज्जत मिलती है.”

मेकअप और ब्यूटी प्रोडक्ट्स की कीमत चुकाता पर्यावरण

सुंदर दिखने के लिए तकलीफ सहना

यूनुस ओसी, इंस्ताबुल में एक ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं. वह बताते हैं कि पिछले दो सालों में ही उन्होंने 200 से ज्यादा पैर लंबे करने वाली सर्जरी की है. ओसी कहते हैं, "मैं पहले इस सर्जरी को दुर्घटना के बाद मेडिकल वजहों से या विकास संबंधी समस्या होने पर ही करता था. लेकिन हालिया सालों में ज्यादातर लोगों ने मेडिकल की बजाय कॉस्मेटिक कारणों के चलते मेरी तलाश की है.”

ओसी का मानना है कि अगले तीन से पांच सालों में ऐसी सर्जरी की संख्या बढ़ेगी. लेकिन वह चेतावनी भी देते हैं कि वांछित परिणाम ना मिलने की स्थिति में पैर लंबे करने की प्रक्रिया के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं. कई रिपोर्टों में तुर्की में की जा रही कॉस्मेटिक सर्जरी से पैदा हुईं समस्याओं के बारे में बताया जा रहा है. एक साल पहले जर्मनी की सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्था ‘द रॉबर्ट कोख इंस्टीट्यूट' ने बताया था कि 27 लोगों को बोटोक्स स्टमक ट्रीटमेंट के बाद पॉइजनिंग का सामना करना पड़ा.

इस प्रक्रिया में पेट की परत में बोटोक्स का इंजेक्शन लगाया जाता है. लोग वजन कम करने के लिए इस प्रक्रिया से गुजरते हैं. कई मरीजों में इसके गंभीर दुष्परिणाम सामने आए हैं, जैसे- मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना, धुंधला दिखना, सांस लेने में दिक्कत और कुछ मामलों में लकवा मारना.

इसी साल जनवरी में एक ब्रिटिश महिला ने तुर्की में अपने नितंबों को बड़ा करवाने के लिए सर्जरी करवाई. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, सर्जरी के चार दिनों बाद उस महिला को घातक दिल का दौरा पड़ा. यह समस्या फैट इम्बोलिज्म के चलते हुई. इस प्रक्रिया में मरीज के शरीर की चर्बी का इस्तेमाल उसके नितंबों को बड़ा करने में किया जाता है.

विशेषज्ञ देते हैं सावधान रहने की सलाह

क्या ऐसी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि तुर्की के डॉक्टर या क्लीनिक पर्याप्त पेशेवर नहीं हैं? जर्मनी के उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया उपभोक्ता सलाह केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टर सुजान पुंसमान सबको एक ही तराजू पर ना तोलने की सलाह देती हैं. पुंसमान कहती हैं, "हर जगह की तरह तुर्की में भी अच्छे और बुरे, दोनों तरह के स्वास्थ्य सुविधा केंद्र हैं."

पुंसमान कहती हैं, "कॉस्मेटिक सर्जन का टाइटल कानूनी रूप से संरक्षित नहीं है. इसलिए तुर्की में सर्जरी करवाने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले डॉक्टरों की योग्यता जांच लेनी चाहिए. यह पता लगा लेना चाहिए कि डॉक्टर पहले कितनी बार उस सर्जरी को कर चुके हैं." पुंसमान बताती हैं, "कॉस्मेटिक सर्जरी करने की योग्यता रखने वाले डॉक्टरों को प्लास्टिक और सौंदर्य सर्जरी का विशेषज्ञ कहा जाता है. हालांकि, दूसरे डॉक्टरों जैसे- सर्जन, त्वचा विशेषज्ञों और स्त्री रोग विशेषज्ञों को भी कॉस्मेटिक सर्जरी करने की इजाजत है."

कम लागत के कारण तुर्की कॉस्मेटिक सर्जरी का एक बड़ा केंद्र बन गया है.
तुर्की के क्लिनिक विज्ञापनों और प्रतिद्वंद्वी कीमतों की मदद से ज्यादा-से-ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं. तस्वीर: Jens Schierenbeck/dpa Themendienst/picture alliance

वह कहती हैं कि यह देख लेना भी जरूरी है कि क्या डॉक्टर या क्लीनिक, यूरोपीय मानकों के अनुसार प्रमाणित है. जैसे कि आईएसओ स्टैंडर्ड, जो दर्शाता है कि क्लीनिक का नियमित तौर पर निरीक्षण किया जाता है. उनके मुताबिक, मरीजों को इस्तेमाल होने वाले सामान और प्रयोगशाला के बारे में भी पता लगा लेना चाहिए.

तुर्की मेडिकल एसोसिएशन के अली एहसान ओकटेन कहते हैं कि लोगों को गैर-प्रमाणित क्लीनिकों से सावधान रहना चाहिए. वह चेतावनी देते हैं कि चिकित्सा पर्यटन में उछाल के चलते इस उद्योग का व्यावसायीकरण बढ़ रहा है. इस बाजार में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा है. क्लीनिक आक्रामक विज्ञापन रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे मैसेज भेजकर अपनी सस्ती कीमतों का प्रचार कर रहे हैं, जिससे दुनियाभर के ग्राहकों को आकर्षित कर सकें.

पुंसमान कहती हैं कि तुर्की में उपचार करवाने की मुख्य वजह यहां की कम कीमतें हैं. यहां 70 फीसदी तक की बचत हो सकती है. वह बताती हैं, "स्तन का आकार बढ़वाने की प्रक्रिया के लिए जर्मनी में कम से कम 4,800 डॉलर खर्च होते हैं. तुर्की में यह प्रक्रिया 2,700 डॉलर में हो जाती है. जर्मनी के डुसेलडॉर्फ में पेट कम करने के लिए की जाने वाली सर्जरी का खर्च करीब 13,400 डॉलर है. वहीं, तुर्की में यह काम एक तिहाई कीमत में हो जाता है." इसका मतलब है कि आप तुर्की में बहुत सारा पैसा बचा सकते हैं, खासकर मंहगी प्रक्रियाओं में. लेकिन यह बचत कुछ लोगों की अधिक जोखिम लेने की इच्छा को बढ़ा सकती है.