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आप्रवासियों की यात्राओं को आकर्षक बनाने पर विवाद

१५ फ़रवरी २०२२

ट्यूनीशिया से यूरोप तक का सफर उतना सुखद और सुरक्षित नहीं है, जितना दो आप्रवासी सोशल मीडिया इंफ्यूलंर्स ने सोशल मीडिया में पोस्ट की तस्वीरों से बताने की कोशिश की. आलोचक इस कदम की आलोचना कर रहे हैं.

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शीमा और उनके मंगेतर, यूरोप जाने के दौरान
शीमा और उनके मंगेतर, यूरोप जाने के दौरान तस्वीर: Chaima Ben Mahmoude/AP/picture alliance

नवंबर, 2021 में पोस्ट की गई वीडियो में 18 साल की ट्यूनीशियाई युवती सबी अल-सईदी ने बेहद खुशमिजाज अंदाज में और पूरे मेकअप के साथ आप्रवासियों के साथ नाव पर वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. वह एक लोकप्रिय रैप डांस कर रही थी और उसके पीछे दर्जनों आप्रवासियों नजर आ रहे थे.

एक महीने बाद, 21 वर्षीय शीमा बिन महमूद ने इसी तरह का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह और उसका मंगेतर ट्यूनीशिया से इटली के आप्रवासियों से भरी नाव पर सवार दिखाई दे रहे थे. भूमध्यसागर को पार कर यूरोप पहुंचने की कोशिश में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है.

भूमध्यसागरीय क्षेत्र उन हजारों लोगों के लिए एक प्रतीक बन गया है जो पलायन कर गए हैं या पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं. मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट के अनुसार, 2021 में भूमध्यसागर में 2,048 लोग लापता हो गए थे, जबकि 2014 से लगभग 23,000 लोग लापता हैं, जो भूमध्यसागर से यूरोप की सीमाओं में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे.

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बेहतर जीवन की तलाश

ट्यूनीशिया प्रवासियों के यूरोप में प्रवास का केंद्र है. यह वह क्षेत्र है जहां से लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए उत्तरी अफ्रीका से यूरोप के लिए सबसे कठिन और खतरनाक रास्ता अपनाते हैं. ट्यूनीशिया कभी बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल था. देश अब आर्थिक उथल-पुथल की स्थिति में है और कोविड-19 ने बेरोजगारी दर को और बढ़ाकर 18 प्रतिशत से अधिक कर दिया है.

2021 में अधिकारियों ने 23,000 आप्रवासियों को रोकने की कोशिश की जो ट्यूनीशिया के तटों को छोड़कर यूरोप जाना चाहते थे. यह संख्या 2019 की तुलना में काफी अधिक थी. 2019 में लगभग 5,000 आप्रवासियों को ट्यूनीशियाई तट छोड़ने से रोक दिया गया था.

ग्लोबल इनिशिएटिव अगेंस्ट ऑर्गनाइज्ड क्राइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्यूनीशिया में बढ़ती बेरोजगारी और ट्यूनीशियाई नेताओं की स्थितियों में सुधार की अक्षमता पर बढ़ती जनता की निराशा वास्तव में प्रवासन में वृद्धि के सबसे बड़े कारण हैं.

पिछले साल जुलाई में ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद ने संसद को भंग कर दिया और सभी शक्तियां अपने पास रख ली. जिससे जनता में यह भय है कि देश में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाएगा.

ये सभी लोग यूरोप जाने के लिए नाव पर सवार हैं
शीमा अन्य लोगों के साथ डांस करती हुईंतस्वीर: Chaima Ben Mahmoude/AP/picture alliance

महिलाओं की ग्लैमर वाली यात्रा से लोग भड़के

ट्यूनीशिया की जिन दो युवा महिलाओं ने अपनी यात्रा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाली उससे विवाद खड़ा हो गया है. इन वीडियो में, ये महिलाएं भूमध्यसागर के पार अपनी यात्रा को बेहद 'ग्लैमरस' या 'शानदार' और 'रोमांटिक' के रूप में चित्रित करती दिखाई दे रही हैं.

उनका वीडियो इटली के लंपाडोसा और उससे आगे, यूरोपीय देशों की यात्रा, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों पर सेल्फी लेते हुए उनके लापरवाह आगमन को दर्शाता है. कई लोगों ने इस यात्रा को इतना सामान्य और सुखद बनाने के तरीके के रूप में आलोचना की है. उनका कहना है ऐसी यात्राएं हर साल हजारों लोगों की जान लेती है.

फ्रांस ने हाल ही में ट्यूनीशियाई लोगों के लिए वीजा में 30 प्रतिशत की कटौती की है, जबकि अल्जीरिया और मोरक्को के लिए वीजा आधा कर दिया है. फ्रांस सरकार ने इन देशों पर अवैध आप्रवासियों को वापस भेजने या निर्वासित करने में फ्रांस के साथ सहयोग करने में विफल रहने का आरोप लगाया है.

एक फंसे हुए आप्रवासियों ने कहा, "क्या उन्हें शर्म नहीं आती? हमारे लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि वे इटली पहुंच गईं और हम अभी भी ट्यूनीशिया में ही फंसे हुए हैं."

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एए/सीके (एपी)