राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने किए कई विवादास्पद एलान
२० जनवरी २०२५अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद दिए अपने पहले भाषण में डॉनल्ड ट्रंप ने कई बड़े एलान किए. अपने पहले दिन शुल्क लागू करने से परहेज करते हुए यह दांव खेला है कि उनके कार्यकारी आदेश ऊर्जा की कीमतों को कम कर सकते हैं और महंगाई पर काबू पा सकते हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उस दिशा में कैसे ले जा पाएंगे.
शपथ लेने के बाद ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती की नीतियों को पलटने और "कॉमनसेंस की क्रांति" लाने का वादा किया. ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "हमारी संप्रभुता को दोबारा हासिल किया जाएगा. हमारी सुरक्षा को बहाल किया जाएगा. न्याय का तराजू फिर से संतुलित किया जाएगा."
उन्होंने यह भी वादा किया, "एक भयानक विश्वासघात को पूरी तरह से पलटने का मुझे जनादेश मिला है. मैं लोगों को उनका विश्वास, संपत्ति, लोकतंत्र और स्वतंत्रता वापस दूंगा." उन्होंने शपथ दिवस को अमेरिका का 'मुक्ति दिवस' करार दिया.
ऐतिहासिक वापसी
ट्रंप का शपथ ग्रहण उनके राजनीतिक करियर की ऐतिहासिक वापसी को दिखाता है. चार साल पहले, उन्हें कोविड-19 महामारी और आर्थिक संकट के बीच व्हाइट हाउस छोड़ना पड़ा था. हालांकि, दो महाभियोगों, आपराधिक आरोप और हत्या के प्रयासों के बावजूद, ट्रंप ने रिपब्लिकन मतदाताओं को संगठित कर फिर से राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया. उन्होंने कहा, "आज से अमेरिका का पतन खत्म हो गया है."
एरिजोना की 63 वर्षीय सिंडे बेस्ट जैसे ट्रंप समर्थक, बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, "मैं नए अमेरिका के लिए तैयार हूं." शपथ ग्रहण के दिन की शुरुआत सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च में प्रार्थना सभा से हुई. इसके बाद ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में पारंपरिक चाय और कॉफी के लिए मुलाकात की. यह नजारा उनके अतीत के तीखे और कड़वाहट भरे मुकाबले से बिल्कुल उलट था. जब ट्रंप अपनी कार से उतरे, तो बाइडेन ने कहा, "घर पर आपका स्वागत है."
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पहले उपराष्ट्रपति जेडी वैंस को सुप्रीम कोर्ट के जज ब्रेट कवनॉ ने शपथ दिलाई. उसके बाद ट्रंप ने अब्राहम लिंकन की ऐतिहासिक बाइबिल और अपनी पारिवारिक बाइबिल पर शपथ ली. समारोह के दौरान इलॉन मस्क, मार्क जकरबर्ग, जेफ बेजोस और अन्य प्रमुख उद्योगपति भी मौजूद थे.
पहले ही दिन बड़े फैसले
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कई बड़े कदम उठाने की योजना बनाई है. इनमें सीमा पार नियंत्रण सख्त करना, जीवाश्म ईंधन का उत्पादन बढ़ाना और संघीय एजेंसियों में विविधता, समानता और समावेश के कार्यक्रमों को समाप्त करना शामिल है.
उन्होंने कहा, "आज से अमेरिका की पूर्ण बहाली शुरू होती है." हालांकि, आलोचकों ने इन कदमों को नागरिक अधिकारों और पर्यावरण नीतियों के लिए खतरा बताया है.
ट्रंप का लौटना अमेरिका में विभाजन को और बढ़ा सकता है. उनके आलोचकों ने उनके आपराधिक रिकॉर्ड और 6 जनवरी, 2021 के कैपिटॉल दंगों में उनकी भूमिका पर सवाल उठाया है. ट्रंप ने वादा किया है कि वह दंगे में शामिल कई व्यक्तियों को माफ कर देंगे.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, "हम उनके सपने को साकार करने के लिए एक साथ प्रयास करेंगे."
ट्रंप का प्रशासन तुरंत आप्रवासन, आर्थिक नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा. इसमें दक्षिणी सीमा पर आपातकाल घोषित करना, ग्रीनलैंड को खरीदने का प्रयास, और अंतरिक्ष में अमेरिकी उपस्थिति बढ़ाना शामिल है. ट्रंप के समर्थक इलॉन मस्क ने भाषण के दौरान कई बार तालियां बजाई.
ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "महंगाई का संकट भारी खर्चों के कारण हुआ." उन्होंने सुझाव दिया कि तेल उत्पादन बढ़ाने से कीमतें कम हो सकती हैं.
इस भाषण में ट्रंप ने जो आदेश तुरंत जारी करने की बात कही, उनमें तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन से जुड़े नियम-कानूनों को कम करके उत्पादन बढ़ाने और राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल घोषित करने की बात शामिल है, जिससे कि चीन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों में प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक बिजली उत्पादन शुरू किया जा सके.
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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप एक राष्ट्रपति आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें महंगाई को कम करने के लिए एक व्यापक सरकारी दृष्टिकोण अपनाने की बात कही गई है. अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर यह जानकारी दी.
ट्रंप ने अपने अभियान और चुनाव जीतने के बाद चीन, मेक्सिको, कनाडा और दूसरे देशों पर शुल्क लगाने की धमकी दी थी, लेकिन अपने भाषण में उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया. ट्रंप ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार "आदेश" समाप्त किया जाएगा. हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की नीतियां बनाई थीं, ना कि कोई आदेश जारी किया था.
व्हाइट हाउस अधिकारी ने कहा कि ट्रंप फिलहाल टैरिफों पर रोक लगा रहे हैं और एजेंसियों को व्यापार मामलों का अध्ययन करने का निर्देश देंगे. कनाडा के वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा, "शायद उन्होंने शुल्क की धमकी को फिलहाल रोक दिया है. हमें किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा."
ट्रंप की योजनाएं
महंगाई पर काबू पाने के ट्रंप के वादे में कई चुनौतियां हैं. बाइडेन प्रशासन के दौरान महंगाई दर दो सालों में कम हुई, लेकिन कीमतें अभी भी वेतन वृद्धि से अधिक रहीं. इसकी वजह, मकानों की कमी, तेल उत्पादन का रिकॉर्ड गिरता स्तर और 2022-23 में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें 11 बार बढ़ाना माना जा रहा है.
ऊर्जा की कीमतें महंगाई पर बड़ा प्रभाव डालती हैं. ट्रंप ने अमेरिका की "ऊर्जा प्रभुत्व" बहाल करने का वादा किया है. हालांकि, ऊर्जा का उपभोक्ता खर्च में औसत योगदान सिर्फ 6 फीसदी है.
2017 के टैक्स घटाने की सीमा को बढ़ाना और विस्तार करना शामिल है, जिसकी लागत अगले 10 वर्षों में 40 खरब डॉलर से अधिक हो सकती है. उन्होंने बाइडेन प्रशासन की नवीकरणीय ऊर्जा सब्सिडी को समाप्त करने, इलेक्ट्रिक वाहनों पर 7,500 डॉलर के टैक्स क्रेडिट को हटाने, वाहनों के लिए ग्रीनहाउस गैस और अन्य प्रदूषण पर नियमों को नरम करने जैसी योजनाओं का जिक्र किया.
कई विवादास्पद एलान
अपने भाषण में ट्रंप ने कई ऐसे बयान दिए जिन पर अलग-अलग हल्कों में आपत्ति हो सकती है. उन्होंने कहा कि अब अमेरिका सिर्फ दो लिंगों को मान्यता देगा, पुल्लिंग और स्त्रीलिंग. इस एलान से ट्रांसजेंडर समुदाय को धक्का पहुंच सकता है.
उन्होंने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से हटाने की घोषणा की है. यह फैसला दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जक को जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों से बाहर कर देता है. पेरिस समझौता, 2015 में किया गया एक वैश्विक समझौता है, जिसमें सरकारें ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए सहमत हुई थीं.
साथ ही, ट्रंप ने एलान किया कि अमेरिका पनामा नहर को वापस ले लेगा. उन्होंने कहा, "हमने इसे पनामा को दिया था, और अब हम इसे वापस ले रहे हैं." पनामा पहले ही इस बात का विरोध कर चुका है. ट्रंप ने कहा कि पनामा नहर को चीन संचालित कर रहा है और अमेरिका के साथ बहुत भेदभाव हो रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
ट्रंप के शपथ ग्रहण पर दुनियाभर के नेताओं ने बधाई और प्रतिक्रियाएं दी हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में से थे. सोशल मीडिया साइट एक्स पर मोदी ने लिखा, "मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डॉनल्ड जे. ट्रंप, संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में आपके ऐतिहासिक शपथ ग्रहण पर हार्दिक बधाई! मैं एक बार फिर हमारे दोनों देशों के लाभ और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए आपके साथ करीब से काम करने का इंतजार कर रहा हूं. आपके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं."
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा, "आज राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण किया. बधाई हो! अमेरिका हमारा सबसे करीबी सहयोगी है, और हमारी नीति का लक्ष्य हमेशा एक अच्छे ट्रांसअटलांटिक संबंध को बनाए रखना है. 27 सदस्य देशों और 40 करोड़ से अधिक लोगों के साथ, यूरोपीय संघ एक मजबूत संघ है."
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा, "सदियों से, हमारे देशों के बीच का संबंध सहयोग, सहभागिता और स्थायी साझेदारी का रहा है. हमने मिलकर दुनिया को तानाशाही से बचाया है और अपनी साझा सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम किया है. राष्ट्रपति ट्रंप के ब्रिटेन के प्रति लंबे समय से चले आ रहे स्नेह और ऐतिहासिक संबंधों के साथ, मुझे विश्वास है कि इस मित्रता की गहराई बनी रहेगी."
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेयर लाएन ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप, संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में आपके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं. यूरोपीय संघ आपके साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रतीक्षा करता है. साथ मिलकर, हमारे समाज बड़ी समृद्धि हासिल कर सकते हैं और अपनी सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं. यही ट्रांसअटलांटिक साझेदारी की स्थायी ताकत है."
वीके/ एसके (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)