मोदी ट्रंप की मुलाकात में क्या बात हुई
१४ फ़रवरी २०२५अमेरिकी प्रशासन का दुनिया के ज्यादातर देशों के प्रति अभी जो तल्खी वाला रवैया है, भारत पर उसका ज्यादा असर ना हो ऐसे संकेत दोनों नेताओं की मुलाकात से देने की कोशिश हुई है.
भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने की पेशकश
व्हाइट हाउस में ट्रंप की वापसी के बाद नरेंद्र मोदी चौथे नेता हैं जो उनसे मिलने वहां पहुंचे हैं. मोदी ने राष्ट्रवादी नेता को दोस्त बताया और कहा कि वे उनके "अमेरिका को फिर महान बनाने" के नारे को स्वीकार करते हैं. डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वे मोदी और भारत से एक खास जुड़ाव पाते हैं. यहां से थोड़ा और आगे जाकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए ट्रंप ने उनको खुद से "ज्यादा सख्त मोल तोल करने वाला" बताया.
एक के बाद एक अमेरिकी प्रशासन बीते सालों में चीन के उभार के सामने भारत को समान हितों के आगे प्रमुख सहयोगी के रूप में देखते हैं. ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका प्रशासन भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने के लिए तैयार है. यह विमान अमेरिकी सेना की खास सौगात है.
मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने कहा, "इस साल से हम भारत को सैन्य साजोसामान की बिक्री कई अरब डॉलर बढ़ाने जा रहे हैं." ट्रंप ने यह भी कहा, "हम वह रास्ता भी तैयार कर रहे हैं जिस पर आगे चलकर भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान दिए जाएंगे."
इन विमानों के साथ भारत उस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा जिसमें नाटो सहयोगी, इस्राएल और जापान शामिल हैं. सिर्फ इन्हीं देशों को एफ-35 विमान बेचे जाते हैं. यह विमान ध्वनि की गति से तेज रफ्तार पर भी बिना रडार की पकड़ में आए अपना काम करके निकल सकता है.
अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन की विरासत को आगे बढ़ाते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने बंदरगाह, रेलवे और अंडरसी केबल के क्षेत्र में निवेश की योजना बनाई है. उनका कहना है कि वे अंडरसी केबलों का "इतिहास के सबसे महान मार्गों में से एक को तैयार करेंगे" जो भारत से इस्राएल, यूरोप और दूसरे देशों में जाएगा.
शुल्क के मामले में भारत को छूट नहीं
ट्रंप ने दोस्त और दुश्मन दोनों का रवैया अपनाया. बैठक से पहले उन्होंने भारत समेत सारे देशों के लिए आपसी शुल्क की घोषणा की. इसमें कहा गया है कि जो देश अमेरिकी चीजों पर शुल्क लगाएगा उस देश की चीजों पर अमेरिका में भी शुल्क लगेगा. मोदी के बगल में खड़े हो कर ट्रंप ने भारत के "अनुचित, बेहद कड़े शुल्कों" को "बड़ी समस्या" बताया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिए ट्रेड सरप्लस को भारत के हित में घटाने का रास्ता निकालेंगे.
मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े और पांचवे सबसे बड़े देश "आपसी हितों वाले कारोबारी समझौते" पर काम करेंगे जो "बहुत जल्द" होगा इसमें तेल और गैस पर ध्यान दिया जाएगा.
ट्रंप के साथ मोदी की मुलाकात में स्पेस एक्स और टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क भी शामिल हुए. नए प्रशासन में मस्क की भूमिका ट्रंप के दाहिने हाथ जैसी है और उन्होंने अमेरिकी नौकरशाही को पूरी तरह बदलने की मुहिम शुरू की है.
मोदी ने मस्क के साथ अकेले में भी मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि मस्क ने मोदी से निजी तौर पर मुलाकात की या फिर आधिकारिक तौर पर. प्रधानमंत्री ने मस्क और उनके बच्चों से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की हैं. मोदी मस्क के एक्स प्लेटफॉर्म का खूब इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बाद में यह भी कहा कि वह मस्क को प्रधानमंत्री बनने के पहले से जानते हैं.
अवैध आप्रवासियों को स्वीकार करेगा भारत
मोदी ने इस यात्रा के पहले शुल्कों में राहत देने का भी एलान किया है. भारत में ऊंचे दर्जे की मोटरसाइकिलों पर शुल्क घटाया गया है. इसका फायदा अमेरिका की हार्ले डेविडसन जैसी कंपनियों को मिलेगा. यह कंपनी भारत में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए जूझ रही है जिसने ट्रंप को नाखुश किया है. भारत ने पहले ही अमेरिकी सैन्य विमान में भेजे गए 100 से ज्यादा अवैध आप्रवासियों को स्वीकार कर लिया है.
मोदी-ट्रंप मुलाकात से पहले शुल्क में कटौती की योजना बनना रहा है भारत
प्रेस कांफ्रेंस में मोदी ने कहा कि वह इस मामले में सहयोग जारी रखेंगे. मोदी का कहना है कि भारतीयों को मानव तस्कर लोभ देकर अपने जाल में फंसाते हैं. मोदी ने कहा, "कोई भी भारतीय जो अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहा है, हम उसे वापस लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं." ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि वे 2008 के मुंबई हमले के एक संदिग्ध को भारत प्रत्यर्पित करेंगे. इस संदिग्ध का नाम तहव्वुर हुसैन राणा है.
पाकिस्तानी मूल के इस कनाडाई नागरिक को 2011 में दोषी ठहराया गया था और बाद में 13 साल के जेल की सजा मिली थी. राणा के प्रत्यर्पण की पहले ही उम्मीद की जा रही थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील ठुकरा दी थी.
एनआर/एसके (एएफपी, रॉयटर्स)