घर घर पहुंचता ट्रॉली स्कूल
फूलों से सजी लकड़ी की बनी यह ट्रॉली असल में एक स्कूल है, जो बच्चों के पास पहुंचती है. पढ़ाई को कैसे घर-घर पहुंचा रहा है ट्रॉली स्कूल, देखिए...
गरीब बच्चों के लिए ट्रॉली स्कूल
दक्षिणी फिलीपींस में यह ट्रॉली स्कूल उन बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रहा है जिनका स्कूल पहुंचना मुश्किल है. लकड़ी की बनी इस सुंदर सी ट्रॉली पर बैठे ये युवा शिक्षक खुद भी छात्र हैं.
स्वयंसेवी शिक्षक
स्वयंसेवक के तौर पर काम करने वाले ये छात्र छोटे बच्चों तक इस ट्रॉली की मदद से पहुंचते हैं और उन्हें पढ़ाते हैं. हर ट्रॉली पर चार छात्र होते हैं, दो आगे और दो पीछे बैठते हैं और अपने पांवों से ट्रॉली को धकेलते हैं.
किताबें, व्हाइटबोर्ड और टीचर
ट्रॉली अपने आप में पूरा स्कूल है. यहां रंगीन चार्ट हैं, किताबों का ढेर है और एक वाइटबोर्ड भी है. तागकावायन शहर में यह स्कूल हफ्ते में तीन बार गरीब छात्रों के समुदायों में जाता है.
नौ छात्र बने शिक्षक
नौ छात्र इन स्कूलों के लिए स्वयंसेवी शिक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हीं में से एक शाइरा बेर्डिन बताती हैं, "यह करना बहुत जरूरी है, खासकर ऐसे समय में जब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं." गांव में पहुंचकर ये छात्र ट्रॉली को रेलवे ट्रैक से उतारकर बगल में रख देते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं.
दान की सामग्री
ट्रॉली को एक स्कूटर की तरह धकेला जाता है. ये स्वयंसेवी शिक्षक एक दिन में लगभग 60 बच्चों को पढ़ाते हैं. बीते साल नवंबर में यह प्रयास शुरू हुआ था और शिक्षण सामग्री दान के जरिए ही जुटाई गई है.