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कॉर्बेट से भटकी बाघिन को बेहोश करने की जगह मार दिया गया

चारु कार्तिकेय
१६ नवम्बर २०२२

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से भटक कर एक गांव में आई बाघिन को मार दिए जाने का वीडियो सामने आया है. बाघिन को पकड़ने या बेहोश करने की कोशिश की जगह सीधा मार दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं.

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बाघ (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बाघ (प्रतीकात्मक तस्वीर)तस्वीर: Mahesh Kumar A/AP/picture alliance

घटना कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन स्थित कालागढ़ क्षेत्र के मरचूला इलाके की है. 11-12 साल की यह बाघिन रिजर्व से भटक कर मरचूला में आ गई थी. स्थानीय लोगों ने 2-3 दिनों तक उसके वहां कई बार दिखने की खबर वन विभाग को दी, लेकिन अंत में उसे जिंदा पकड़ा नहीं जा सका.

सोशल मीडिया पर मौजूद एक वीडियो में बाघिन को एक गाड़ी के सामने खड़े देखा जा सकता है. गाड़ी में से एक बंदूक की नली बाघिन की तरफ है. बाघिन जैसे ही अपनी पीठ गाड़ी की तरफ करती है उसी समय बंदूक से गोली चलती है और उसकी पिछली टांगों के आस पास लगती है.

किसने चलाई गोली

मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि बाद में उसी एक घाव से काफी खून बह जाने के बादबाघिन की मौत हो गई. उसका शव मरचूला में ही मिला. गोली किसने चलाई वीडियो में यह नजर नहीं आ रहा है. वीडियो में कई लोगों की आवाज में "मारो, मारो' का शोर भी सुनाई दे रहा है.

कुछ मीडिया रिपोर्टों में स्थानीय लोगों के हवाले से कहा गया है कि जिस गाड़ी के अंदर से गोली चलाई गई वो वन विभाग की थी. विभाग ने इन आरोपों को स्वीकार नहीं किया है. टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडेय ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि उन्हें भी इस वीडियो की जानकारी है और गोली क्यों चलाई गई इसकी जांच की जा रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि कभी कभी बचाव अभियान के दौरान पशु को डराने के लिए हवा में गोली चलाई जाती है. वन विभाग के एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से अखबार ने दावा किया है कि वन विभाग की टीम ने ही सर्विस राइफल से बाघिन को गोली मारी.

क्या कहता है कानून

अधिकारी ये यह भी आरोप लगाया कि विभाग को पिछले दो-तीन दिनों में बार बार उस बाघिन को देखे जाने की खबर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने बाघिन को पकड़ने या बेहोश करने की कोई कोशिश नहीं की और सीधा गोली मार दी.

भारत की बाघ विधवाएं

भारत के वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत बाघ और कई अन्य वन्य जीवों को मारने का आदेश सिर्फ प्रमुख वन्य जीव वार्डन ही दे सकता है और वो भी तब जब वो पूरी तरह से संतुष्ट हो कि वन्य जीव को ना तो पकड़ा जा सकता है और ना बेहोश किया जा सकता है.

कानून का उल्लंघन करने पर तीन से सात साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. किसी बाघ को मारने का आदेश अमूमन बाघ को नरभक्षी घोषित करने के बाद दिया जाता है. इस बाघ द्वारा अभी तक किसी इंसान को मारने की कोई घटना सामने नहीं आई थी.

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