महिलाएं आज भी नहीं खेल सकतीं यह ओलंपिक खेल
२४ जनवरी २०२२स्की जंपिंग और क्रॉस-कंट्री स्कीइंग का मिला जुला खेल 'नॉर्डिक कंबाइंड' इकलौता ऐसा ओलंपिक खेल है जिसमें लैंगिक बराबरी नहीं है. कई देशों में यह खेल महिलाएं भी खेलती हैं लेकिन ओलंपिक खेलों में इसमें महिलाओं के लिए कोई प्रतियोगिता है ही नहीं.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड को 2018 में एक आवेदन दिया था जिसमें अनुरोध किया गया था कि बीजिंग में होने वाले ओलंपिक खेलों में इस खेल में भी महिलाओं को भाग लेने दिया जाए. बोर्ड ने आवेदन पर विचार किया लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्की फेडरेशन से चर्चा करने के बाद उसे नामंजूर कर दिया.
ओलंपिक समिति की झिझक
समिति के खेल निदेशक किट मैककॉनेल के 2018 में कहा था, "ओलंपिक खेलों में महिलाओं के लिए किसी भी खेल का शामिल किया जाना लैंगिक बराबरी को बढ़ावा देने के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन उन खेलों का ऐसे स्तर पर होना जरूरी है जो ओलंपिक खेलों में शामिल होने के लिए और ओलंपिक पदक हासिल करने की प्रतियोगिता के लिए उचित स्तर होना चाहिए."
मैककॉनेल ने यह भी कहा था, "मुझे लगता है कि यह महसूस किया गया कि इस खेल की सर्वव्यापकता, प्रतियोगितात्मकता, आकर्षण और लोकप्रियता को अभी और देखने की जरूरत है...तब जाकर 2026 के लिए इस पर दोबारा चर्चा की जा सकती है."
बातचीत इस साल दोबारा शुरू होगी. उम्मीद है कि जून में बोर्ड 2026 में इटली में होने वाले खेलों में महिलाओं को भी शामिल करने के आवेदन पर फैसला लेगा. महिला खिलाड़ी और उन्हें शामिल किए जाने की मांग के समर्थक आशावान हैं.
इस खेल का विश्व कप पिछले साल ही शुरू हुआ. इस साल दूसरे विश्व कप में 30 से भी ज्यादा महिला खिलाड़ी हिस्सा ले रही हैं. लेकिन फिलहाल जब बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेल शुरू होंगे तो समिति को सवालों और आलोचना के एक और दौर का सामना करना पड़ेगा.
चैंपियन ने छोड़ा खेल
हालांकि समिति ने बड़े गर्व से लैंगिक बराबरी की दिशा में उठाए गए उसके कदमों की तरफ इशारा किया है. समिति के मुताबिक बीजिंग में महिला खिलाड़ियों और महिलाओं के खेलों के लिए नए मानदंड रचे जाएंगे. खेलों में महिलाओं की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत हो जाएगी. चार साल पहले यह 41 प्रतिशत थी.
महिलाओं को और अवसर देने के लिए स्की जंपिंग जैसे खेलों में मिश्रित टीम फॉर्मेट भी जोड़े गए हैं. स्पीड स्केटिंग जैसे खेलों में पहली बार अब पुरुष और महिला खिलाड़ी बराबर संख्या में खेल रहे हैं.
लेकिन नॉर्डिक कंबाइंड खिलाड़ी तारा गेराटी-मोएट्स जश्न मनाने के मूड में बिल्कुल नहीं है. पहले उन्होंने दो बार इस खेल का कॉन्टिनेंटल कप जीता और फिर दिसंबर 2020 में वो विश्व कप जीत गईं. लेकिन बाद में जब महामारी की वजह से महिलाओं के खेल रद्द होने के बाद फिर से नहीं आयोजित किए गए जबकि पुरुषों के खेल दोबारा हुए, तब वो निराश हो गईं.
उन्होंने इस खेल को छोड़ कर बाईएथलन अपना लिया. वो कहती हैं, "नार्डिक कंबाइंड में होने से मैंने ओलंपिक खेलों का असली चेहरा देखा, जो कि कोई सुंदर छवि नहीं है. स्कीइंग संघ के पास ज्यादा ताकत नहीं है और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की जवाबदेही कोई नहीं तय करता है."
सीके/एए (एपी)