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विज्ञानकनाडा

अगले साल पैदा होंगी कम मीथेन छोड़ने वाली गाय

१० अगस्त २०२३

कनाडा में ऐसी गाय जन्म लेने वाली हैं जो पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल होंगी. इसके लिए विशेष वीर्य विकसित किया गया है.

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गाय की डकार
गाय अत्यधिक मीथेन उत्सर्जित करती हैतस्वीर: Rupert Trischberger/PantherMedia/IMAGO

कनाडा के डेयरी फार्मर बेन लोविद की गाय अगले बसंत में जब बच्चे देंगी तो वे दुनिया की पहले ऐसे बछड़े होंगे जो पर्यावरण के अनुकूल होंगे. उन्हें खास तौर पर इस तरह से ब्रीड किया गया है कि वे कम मीथेन छोड़ेंगे.

लोविद ओंतारियो प्रांत के लिंडन में रहते हैं. वह पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं. इस साल जून में उन्होंने अपनी 107 गायों का कृत्रिम गर्भाधान शुरू किया. इसके लिए ऐसे सांड का वीर्य इस्तेमाल किया गया जिसमें जेनेटिक रूप से कम मीथेन छोड़ने के गुण हैं. यह वीर्य बाजार में पहली बार ही उपलब्ध कराया गया था.

लोविद कहते हैं, "अगर बाकी गुण प्रभावित ना हो रहे हों तो कम मीथेन के लिए ब्रीडिंग कराना तो बढ़िया हल दिखता है.”

गाय को दुनिया में सबसे अधिक मीथेन गैस उत्सर्जित करने वाला प्राणी माना जाता है. यह जलवायु को प्रभावित करने वाली मीथेन गैस के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से है. गाय जो डकार लेती हैं, उनसे अत्यधिक मात्रा में मीथेन निकलती है. दुनियाभर में ऐसे प्रयोग किये जा रहे हैं कि गायों के मीथेन उत्सर्जन को कम किया जा सके. अब बाजार में ऐसे वीर्य वाली ब्रीडिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे कम मीथेन उत्सर्जित करने वाली गाय पैदा होंगी.

जेनेटिक्स कंपनी सीमेक्स ने ऐसा वीर्य तैयार किया है. कंपनी का कहना है कि कम मीथेन उत्सर्जन के ये गुण कनाडा की डेयरी उद्योग के मीथेन उत्सर्जन को सालाना 1.5 फीसदी तक कम कर सकते हैं. इस तरह 2050 तक कनाडा का मीथेन उत्सर्जन 20 से 30 फीसदी तक घट सकता है.

कितनी सुरक्षित है तकनीक?

सीमेक्स ने बीते बसंत में इस वीर्य की मार्किटिंग शुरू की थी. वीर्य को 80 देशों में उपलब्ध कराया जा रहा है. कंपनी के उपाध्यक्ष ड्रू सलोन कहते हैं कि ब्रिटेन, अमेरिका और स्लोवाकिया में भी कुछ बिक्री हुई है.

मवेशियों की संख्या घटाए जाने पर किसान नाराज

कैलिफॉर्निया डेविस यूनिवर्सिटी में पशु विज्ञान के प्रोफेसर फ्रैंक मिटलोनर कहते हैं कि अगर इस ब्रीडिंग तकनीक को व्यापक रूप से अपनाया जाए तो वैश्विक स्तर पर पशुओं से होने वाले उत्सर्जन पर इसका बड़ा असर हो सकता है. हालांकि अब भी डेयरी किसानों में इस तकनीक को लेकर आशंकाएं हैं. उद्योग जगत के कुछ लोगों का कहना है कि कम मीथेन उत्सर्जित करने वाली गायों को अपच की समस्या हो सकती है.

कनाडा के कृषि मंत्रालय का कहना है कि उसने नयी तकनीक का आकलन नहीं किया है लेकिन मवेशियों से मीथेन उत्सर्जन को कम करना बेहद जरूरी है. दुनिया के कुल ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के करीब 14.5 फीसदी के लिए मवेशी ही जिम्मेदार हैं. कार्बन डाई ऑक्साइड के बाद मीथेन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ग्रीन हाउस गैस है.

कई तकनीकें उपलब्ध

मीथेन उत्सर्जन कम करने के लिए और भीकई तकनीकें विकसित की गयी हैं. मसलन ऐसा चारा उपलब्ध है, जिसे खिलाने से मीथेन का उत्पादन कम होता है. लेकिन प्रोफेसर मिटलोनर कहते हैं कि एक तो उस चारे का असर तब तक रहता है, जब तक उसका इस्तेमाल होता रहे और दूसरा अभी उस चारे को अमेरिका में बेचने की इजाजत नहीं मिली है.

कम मीथेन उत्सर्जन की यह तकनीक सीमेक्स ने कनाडा की दूध रिकॉर्ड करने वाली एजेंसी लैक्टानेट में काम करने वाले वैज्ञानिकों के साथ मिलकर विकसित की है. अप्रैल में लैक्टानेट ने दुनिया का पहला राष्ट्रीय जीनोमिक मीथेन आकलन जारी किया था. उसने कनाडा के 6,000 डेयरी फार्मों से देश के करीब 60 फीसदी मवेशियों के मीथेन उत्सर्जन की गणना की थी.

इस गणना के लिए गुएल्फ और अलबेर्टा विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने सात साल तक अध्ययन किया है और तक डेयरी फार्मों के मवेशियों के मीथेन उत्सर्जन का पता लगाया है.

गुएल्फ यूनिवर्सिटी में पशु जीवविज्ञान की प्रोफेसर क्रिस्टीन बाएस कहती हैं कि कनाडा की डेयरी में एक गाय रोजाना 250 से 750 ग्राम तक मीथेन उत्सर्जित करती हैं. बाएस कहती हैं कि अगर कम मीथेन उत्सर्जन वाली गायों का जन्म होता है तो पीढ़ी दर पीढ़ी उनका उत्सर्जन घटता चला जाएगा.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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