2020 में ये होंगी भारत की चुनौतियां
भारत के सामने 2020 में कई गंभीर चुनौतियां होंगी. इनमें कई चुनौतियां तो वैश्विक हैं जबकि कई घरेलू चुनौतियों का समाधान भारत को खुद ही तलाशना होगा. एक नजर डालते हैं इन्हीं चुनौतियों पर.
जलवायु परिवर्तन
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन सरकारों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. तेज गति से होते विकास से जलवायु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ रहा है, जिससे मौसम कठोर हो रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बाकी देशों के अलावा भारत में भी मानवीय और आर्थिक क्षेत्र पर प्रभाव पड़ रहा है. देश में लोग मानसून में बदलाव, सूखा और गर्म हवाएं झेल रहे हैं.
प्रदूषण
भारत के लिए साल दर साल प्रदूषण बड़ा खतरा बनता जा रहा है. उत्तर भारत में हर साल अक्टूबर और नवंबर के आखिरी दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतें भारत में हुई. प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है.
आतंकवाद
भारत के सामने आतंकवाद अब भी बड़ी चुनौती है. सीमापार से हो रही गतिविधियों को रोकने के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा भी देश के लिए अहम रहता है. हालांकि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद के आरोपों को खारिज करता है और इस मुद्दे को लेकर दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उलझते रहे हैं.
आर्थिक सुस्ती
भारत कई महीनों से आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है. हाल यह है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है जो पिछले छह साल में सबसे कम है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष भी भारत को तुरंत कदम उठाने की सलाह दे चुका है.
महंगाई
भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि जनवरी से मार्च 2020 तक खाने-पीने की चीजों में महंगाई बढ़ेगी. फिलहाल देश में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी से बढ़कर नवंबर 2019 में 5.54 फीसदी हो गई है. प्याज के दामों ने पहले ही लोगों को परेशान कर रखा है.
बेरोजगारी
भारत में बहुत से युवाओं को नौकरी की तलाश है. आलोचक मोदी सरकार पर आरोप लगाते हैं कि रोजगार के मुद्दे पर उसने अपने वादे पूरे नहीं किए. बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी हो गई है, जो पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा है. केंद्र सरकार के सामने देश में रोजगार के अवसर बढ़ाना इस समय एक बड़ी चुनौती है.
किसानों की आय
मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है लेकिन मौजूदा हालात में देश का किसान परेशान है. बहुत से किसान कर्ज की वजह से अपनी जान तक दे देते हैं. ऐसे में, यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले.
भुखमरी और कुपोषण
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 21 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य 2020 तक बच्चों में कुपोषण को दूर करना है. लेकिन इस हिसाब से लक्ष्य अभी बहुत दूर है.
मानवाधिकार
देश में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे कई समूहों का कहना है कि कई बार पुलिस और प्रशासन मानवाधिकारों का हनन कर विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में सरकार के सामने मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर बड़ी चुनौती बनी रहेगी. कुछ देश कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच की मांग पहले ही कर चुके हैं.
साइबर सुरक्षा
दुनिया के तमाम देशों के अलावा भारत के लिए साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. पीडब्ल्यूसी इंडिया और डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में डाटा लीक होने जैसी घटनाओं के कारण कंपनियों का औसत खर्च 11.90 करोड़ के करीब पहुंच गया है. साइबर अपराधी खासतौर पर वित्तीय सेवाओं को निशाना बनाते हैं.