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राजनीतिमाल्दीव

भारत को लेकर एक और विवाद में मालदीव की पूर्व मंत्री

८ अप्रैल २०२४

राष्ट्रपति मोहम्मद मुईजू के सत्ता संभालने के बाद भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनाव की पृष्ठभूमि में निलंबित मंत्री मरियम शिउना की सोशल मीडिया पोस्ट सामने आई है. विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने माफी मांगी है.

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 मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में प्रचार के लिए लगे पोस्टर
भारत और मालदीव के रिश्ते हाल के महीनों में खराब हुएतस्वीर: MOHAMED AFRAH/AFP

मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना ने अशोक चक्र जैसे प्रतीक का इस्तेमाल करते हुए विपक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट किया था. विवाद खड़ा होने के बाद सोमवार को शिउना ने माफी मांगी. उन्होंने देश की विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट किया था, इसी पोस्ट में अशोक चक्र जैसा प्रतीक था.

शिउना ने विवाद बढ़ता देख एक्स पर लिखा, "मैं अपने हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बात करना चाहूंगी. जिसकी लोग आलोचना कर रहे हैं."

पूर्व मंत्री को हुआ गलती का अहसास

उन्होंने आगे लिखा, "यह मेरे ध्यान में लाया गया कि मालदीव की विपक्षी पार्टी (एमडीपी) को मेरी प्रतिक्रिया में इस्तेमाल की गई तस्वीर भारतीय झंडे से मिलती जुलती है. मैं यह साफ करना चाहती हूं कि यह पूरी तरह से अनजाने में हुआ था और इसके कारण हुई किसी भी गलतफहमी के लिए मुझे खेद है."

शिउना ने यह भी कहा कि वह भविष्य में किसी भी तरह की पोस्ट को साझा करने के पहले उसे वेरिफाई करेंगी और सावधान रहेंगी. उन्होंने कहा मालदीव अपने संबंधों और भारत के साथ हमारे आपसी सम्मान को बहुत महत्व देता है.

शिउना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईजू की पार्टी की सदस्य हैं. उन्होंने आगामी मालदीव चुनावों में अपनी पार्टी के लिए वोट करने की अपील के साथ एमडीपी पोस्टर पर कम्पास की जगह पर अशोक चक्र जैसे प्रतीक का इस्तेमाल किया था.

पहले भी रह चुकी हैं विवादों में

यह पहली बार नहीं है कि वह इसी तरह के मुद्दों को लेकर खबरों में रही हैं. शिउना उन तीन मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए निलंबित कर दिया गया था.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा की तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप बनाम मालदीव विवाद शुरू किया था.

इस मुद्दे पर भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास पड़ गई. इसके बाद के महीनों में संबंध और खराब होते गए और दोनों देशों ने फैसला किया कि भारत मार्च और मई के बीच मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लेगा.